देहरादून: एनडीपीसी कोर्ट को गुमराह कर नशा तस्कर को जमानत पर रिहा कराने के लिए फर्जी जमानत अर्जी लगाने का मामला सामने आया है. मामले में जमानत देने वालों के खिलाफ पुलिस ने जांच पड़ताल कर फर्जीवाड़ा पकड़ा. जिसके बाद पुलिस ने दोनों फर्जी जमानत देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है.
बता दें कि एनडीपीएस कोर्ट शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक नशा तस्कर ताहिर हसन के खिलाफ थाना विकास नगर में नशा तस्करी के चलते मुकदमा दर्ज होने के बाद अभियुक्त को बीते दिनों गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. ऐसे में 20 नवंबर 2020 को एनडीपीएस कोर्ट में ₹35000 निजी बांड भरने के साथ ही दो जमानती के आधार पर जमानत देने की प्रक्रिया प्रचलित थी. अभियुक्त ताहिर हसन की ओर से 2 दिसंबर 2020 को ताहिर हसन को जमानत पर रिहा करने के संबंध में दोनों जमानत देने वालों के दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए, उनकी जांच पड़ताल करने पर वह सभी पेपर फर्जी पाए गए. ऐसे में 4 जनवरी 2021 को अनीश और मनीष को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर जमानत देने के आरोप में NDPS कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
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वहीं, एनडीपीएस कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि फर्जी तरीके से कोर्ट को गुमराह कर जमानत देने वाले दोनों ही आरोपियों के खिलाफ जांच में पाया गया कि इनके द्वारा पहले भी अन्य लोगों को जमानत देने में जालसाजी का काम किया गया है. ऐसे में दोनों जमानत देने वालों को कोर्ट ने जेल भेजा दिया गया.