देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह समेत शासन के उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर मंथन किया. इस दौरान राज्य की आर्थिकी में सुधार लाने और आजीविका के संसाधनों में वृद्धि के लिए गठित उच्च स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष इंदु कुमार पाण्डे ने अंतरिम रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को सौंपी.
राज्य की आर्थिकी के विकास को लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट तो सौंप दी है, लेकिन अभी इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है. जल्द ही इसे तैयार किया जाएगा. कमेटी के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय ने कहा कि प्रदेश की माइक्रो इकोनॉमी को रिवाइव करने की जरूरत है, इसके लिए बैंकों को सहयोगी बनाना होगा.
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स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन. राज्य में होने वाले पलायन से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर उद्योगों की स्थिति के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों पर सेक्टरवार एनालिसिस पर ध्यान देने पर उन्होंने बल दिया.
वर्तमान हालात में प्रदेश के पर्यटन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. इससे संबंधित उद्योग बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं. भविष्य में इन्हें कैसे मजबूती प्रदान की जाए इस पर चिंतन जरूरी है. इसके लिए शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म की योजनाओं का स्थानीयता को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन करना होगा.
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उन्होंने जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक सेक्टरवार स्थिति के आकलन के लिए भी जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी देने को कहा. उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में राज्य की आर्थिकी की स्थिति का रुझान स्पष्ट हो पाएगा. इसके लिए सभी क्षेत्रों की स्थिति पर गहनता से ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बताई.
औद्योगिक उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभावों, श्रमिक समस्याओं, संसाधनों की कमी के दृष्टिगत आर्थिकी के नए स्रोतों पर विचार करना होगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल डेवलपमेंट प्लान भी तैयार किया जाना चाहिए. व्यय पर प्रभावी नियंत्रण के साथ ही एसडीआरएफ का स्कोप बढ़ाए जाने, हर जिले में उत्पादों के क्लस्टर तैयार करने की भी बात उन्होंने कही.
प्रवासियों के लिए सीएम त्रिवेंद्र ने कही ये बात
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य की आर्थिकी के लिए समेकित प्रयासों की जरूरत है. लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को केंद्र की गाइडलाइन के तहत वापस लाया जाएगा. पहले उन लोगों को लाया जाएगा जो न घर में हैं और न कार्य स्थल पर. इसके लिए यहां पर उनकी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी. साथ ही कहा कि विभिन्न प्रदेश के जो लोग राज्य में रुके हैं, उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
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अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत 600 किमी सड़क का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. इससे राज्य को जीएसटी में 400 करोड़ की धनराशि मिलेगी. उन्होंने कहा कि खनन की प्रक्रिया भी गतिमान है. प्रमुख सचिव आनंदवर्धन ने कहा कि एक्साइज पर सेस और मेडिसिन प्लांट के कृषिकरण से आय के संसाधन बढ़ाए जा सकते हैं.
प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में 3,500 उद्योगों को अनुमति प्रदान कर दी गई है. फूड प्रोसेसिंग वाले उद्योगों में उत्पादन शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि आजीविका सुधार से संबंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि गेहूं किसानों को गेहूं का भुगतान समय पर किया जा रहा है. परंपरागत उत्पादों की मार्केटिंग की सप्लाई चेन की मजबूती पर ध्यान देने के साथ ही इसकी मॉनिटरिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए इम्पावर्ड कमेटी बनाई जाए. उद्योग और वाणिज्यिक संस्थानों को सहयोग देकर आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है.
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा की प्रदेश में उद्योग और वाणिज्य प्रतिष्ठानों को विद्युत बिलों में राहत दी जा रही है. प्रदेश में उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है.
वहीं, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि चारधाम यात्रा का व्यवसाय करीब 2 हजार करोड़ का होता है. पहाड़ी जिलों में यदि यात्रा में छूट दी जाए तो स्थानीय लोग अपना व्यवसाय आदि खोल सकते हैं.
उन्होंने शॉर्ट टर्म रिलीफ के साथ सभी विभागों से इस क्षेत्र के रिवाइवल पर सहयोग की बात कही. जबकि, सचिव वित्त सौजन्या ने कहा कि सभी जिलों में रजिस्ट्री कार्यालय खोलने के निर्देश दिए गए हैं.