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...तो नहीं झुकेगी श्राइन बोर्ड मामले में सरकार, जारी किए 10 करोड़ रुपये

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Published : Dec 5, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 8:07 PM IST

उत्तराखंड में श्राइन बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का स्टैंड साफ है. अपने फैसले पर अटल होते हुए सरकार ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में श्राइन बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपए जारी कर दिए.

trivendra government
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून: विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर श्राइन बोर्ड लाने को लेकर हंगामा जारी है. चारधामों के तीर्थ पुरोहित, श्राइन बोर्ड अधिनियम को कैबिनेट में पास होने के बाद से ही श्राइन बोर्ड एक्ट का विरोध कर रहे हैं. लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार पर किसी भी तरह के दबाव का असर नहीं होगा. त्रिवेंद्र सरकार चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को एक अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिए अपना कदम बढ़ा चुकी है.

नहीं झुकेगी श्राइन बोर्ड मामले में सरकार,


ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. विधानसभा की शीतकाल सत्र के दूसरे दिन पेश हुए अनुपूरक बजट में श्राइन बोर्ड को सहायता के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि श्राइन बोर्ड को लेकर सदन और सदन के बाहर चल रहे घमासान का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला. उन्होंने वही किया जो वो मन बना चुके थे.

पढ़ेंः विधानसभा सत्र: अपनी ही पार्टी के विधायकों से घिरे शिक्षा मंत्री, सवालों की बौछार

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार कदम उठा चुकी है. चारधाम की सारी व्यवस्थाओं की कमान सरकार के हाथों में दिए जाने को लेकर बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल बैठक हुई थी. जिसमें जम्मू-कश्मीर में बने श्राइन बोर्ड एक्ट के तर्ज पर उत्तराखंड चारधाम बोर्ड विधेयक- 2019 को मंजूरी मिल गयी. इस बोर्ड के अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे. शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बोर्ड का सीईओ बनाया जाएगा. प्रदेश का मुख्यमंत्री मुस्लिम होने पर वरिष्ठ हिंदू कैबिनेट मंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष चुना जाएगा.

देहरादून: विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के अंदर और बाहर श्राइन बोर्ड लाने को लेकर हंगामा जारी है. चारधामों के तीर्थ पुरोहित, श्राइन बोर्ड अधिनियम को कैबिनेट में पास होने के बाद से ही श्राइन बोर्ड एक्ट का विरोध कर रहे हैं. लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार पर किसी भी तरह के दबाव का असर नहीं होगा. त्रिवेंद्र सरकार चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को एक अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिए अपना कदम बढ़ा चुकी है.

नहीं झुकेगी श्राइन बोर्ड मामले में सरकार,


ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. विधानसभा की शीतकाल सत्र के दूसरे दिन पेश हुए अनुपूरक बजट में श्राइन बोर्ड को सहायता के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि श्राइन बोर्ड को लेकर सदन और सदन के बाहर चल रहे घमासान का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला. उन्होंने वही किया जो वो मन बना चुके थे.

पढ़ेंः विधानसभा सत्र: अपनी ही पार्टी के विधायकों से घिरे शिक्षा मंत्री, सवालों की बौछार

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार कदम उठा चुकी है. चारधाम की सारी व्यवस्थाओं की कमान सरकार के हाथों में दिए जाने को लेकर बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल बैठक हुई थी. जिसमें जम्मू-कश्मीर में बने श्राइन बोर्ड एक्ट के तर्ज पर उत्तराखंड चारधाम बोर्ड विधेयक- 2019 को मंजूरी मिल गयी. इस बोर्ड के अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे. शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बोर्ड का सीईओ बनाया जाएगा. प्रदेश का मुख्यमंत्री मुस्लिम होने पर वरिष्ठ हिंदू कैबिनेट मंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष चुना जाएगा.

Intro:विधानसभा शीतकाल सत्र के सदन के भीतर से लेकर सदन के बाहर श्राइन बोर्ड लाने को लेकर हंगामा जारी है। यही नहीं चारधामों के तीर्थ पुरोहित, श्राइन बोर्ड अधिनियम को कैबिनेट में पास होने के बाद से ही श्राइन बोर्ड एक्ट का विरोध कर रहे हैं। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार पर किसी के विरोध का दबाव, अब नहीं पड़ेगा। और चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को एक अधिनियम के अंतर्गत लाने के लिए अपना कदम बढ़ा चुकी है।


Body:ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि वर्तमान समय में चल रहे विधानसभा की शीतकाल सत्र के दूसरे दिन पेश हुए अनुपूरक बजट मैं श्राइन बोर्ड को सहायता के लिए 10 लाख का प्रावधान किया है ऐसे में स्पष्ट हो जाता है कि श्राइन बोर्ड को लेकर सदन और सदन के बाहर चल रहे घमासान का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कोई असर नहीं है और जो उन्होंने उठा है वह करके रहेंगे।


गौर हो कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने और चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने को लेकर चारधाम की सारी व्यवस्थाओं की कमान सरकार के हाथों में दिए जाने को लेकर बीते बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक में जम्मू-कश्मीर में बने श्राइन बोर्ड एक्ट के तर्ज पर उत्तराखंड चारधाम बोर्ड विधेयक - 2019 को मंजूरी मिल गयी थी। जिसके अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे और बोर्ड का सीईओ, शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को बनाया जायेगा। यही नहीं प्रदेश का मुख्यमंत्री मुस्लिम होने पर हिंदू, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष चुना जायेगा। 




Conclusion:
Last Updated : Dec 5, 2019, 8:07 PM IST
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