देहरादून: राजधानी में नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद से नगर के सभी प्रदूषण जांच केंद्रों में वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. ऐसे में अपने वाहनों की प्रदूषण जांच कराने के लिए आम जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसे देखते हुए परिवहन विभाग शहर में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने जा रहा है.
बता दें कि वर्तमान में पूरे देहरादून शहर में 16 प्रदूषण जांच केंद्र मौजूद हैं. आम जनता की दिक्कतों के देखते हुए फिलहाल 7 नए प्रदूषण जांच केंद्रों का निरीक्षण किया जा चुका है. इसी क्रम में शहर के सभी पेट्रोल पंपों में भी प्रदूषण जांच की व्यवस्था की जाएगी. जिसके लिए परिवहन सचिव और आयुक्त की तरफ से पेट्रोल पंप स्वामियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं.
आगामी 1 नवंबर तक शहर में प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट की जांच के लिए किसी तरह का कोई अभियान नहीं चलाया जाएगा. लेकिन वाहन चलाने वाले सभी लोगों को अपना ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस पेपर साथ रखना अनिवार्य होगा. ऐसा ना करने पर वाहन स्वामी को भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.
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गौरतलब है कि भारत सरकार की तरफ से मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में किए गए संशोधन के तहत वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के लिए 10,000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं, प्रदेश सरकार ने कुछ यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने की राशि को 50 फीसदी तक कम किया है. ऐसे में प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण फैलाने पर पहली बार 2500 रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ेगा. जबकि, दूसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है.