देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में सोमवार को एक तरफ भारतीय वन सेवा से जुड़े अधिकारियों के तबादले किए गए. वहीं, दूसरी तरफ पूर्व में किए गए तबादलों पर रोक लगाने का भी फैसला लिया गया है. जानिए तबादलों पर रोक को लेकर क्या है पूरा मामला.
उत्तराखंड वन महकमे में सोमवार को कई महत्वपूर्ण स्थानांतरण किए गए. एक तरफ आईएफएस विनोद कुमार को प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की नई जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, दूसरी तरफ मोनीष मलिक के रिटायरमेंट के बाद खाली हुई उत्तराखंड वन विकास निगम के एमडी की जगह को भी भर दिया गया.
शासन ने कुल 13 अधिकारियों के तबादलों की सूची जारी की है
- एसएस रसायली को अपर प्रमुख वन संरक्षक पर्यावरण की जिम्मेदारी दी गई है.
- आरएन झा को सदस्य सचिव उत्तराखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड बनाया गया है.
- नीना ग्रेवाल को वन पंचायत और सामुदायिक वानिकी समेत एमडी नियोजन और अतिरिक्त निदेशक जलागम की जिम्मेदारी दी गई है.
- निशांत वर्मा, डी.धीरुज्ञानसबदम और आकाश वर्मा को उत्तराखंड वन विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए हैं.
- धीरज पांडे को वन संरक्षक भागीरथी वृत.
- दीप चंद्र आर्य उपवन संरक्षक उत्तरकाशी.
- नीतीश मणि त्रिपाठी उप वन संरक्षक चकराता.
- संदीप कुमार उप वन संरक्षक तराई पूर्वी हल्द्वानी.
- दीप चंद्र पंत उप वन संरक्षक अनुसंधान हल्द्वानी.
- केएस रावत उप वन संरक्षक गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी की जिम्मेदारी दी गई है.
रेंजर्स के तबादलों को रोकने के आदेश
प्रदेश में हाल ही में हुए रेंजर के तबादलों पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी तबादलों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. बता दें कि कोविड-19 के कारण इस बार तबादलों के लिहाज से शून्य सत्र घोषित किया गया है, लेकिन वन विभाग के मुखिया पद से सेवानिवृत्त होने से ठीक पहले जयराज ने रेंजर्स और कुछ दूसरे पदों पर के आदेश किये थे. रिटायरमेंट से पहले जयराज ने विभाग में जो तबादले किए थे उन पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर की है.
उन्होंने कहा कि शून्य सत्र होने के बावजूद इस तरह तबादले करना गलत है. सभी तबादलों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक को इसके लिए पत्रावली भेजने के लिए कहा है और इन तबादलों पर रोक लगाई जाएगी.