देहरादून: राजधानी में बढ़ रही वाहनों की संख्या पुलिस महकमें के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. लेकिन क्या आपने कभी उन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मानसिक स्थिति या सेहत के बारे में विचार किया है, जो व्यस्त चौराहों में कई घंटे खड़े होकर ट्रैफिक को व्यवस्थित करने में जुटे रहते हैं.
एक तरफ वाहनों का शोर और दूसरी तरफ प्रदूषण, इस स्थिति में एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान चारों और से आ रहे भारी ट्रैफिक को नियंत्रित करता है. ऐसे में न सिर्फ ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को सांस और त्वचा संबंधित दिक्कतें पेश आ रही हैं. बल्कि कई बार उन्हें मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है.
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वहीं, मानसिक तनाव से गुजर रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों पर मनोचिकित्सक डॉ. जेएस राणा ने बताया कि पुलिस महकमे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी से एक बार में 2 से 3 घंटों की ही ड्यूटी लें. ऐसा करने से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर मानसिक तनाव कम पड़ेगा.
एसपी ट्रैफिक देहरादून प्रकाश चंद्र ने बताया कि देहरादून शहर के 22 मुख्य चौराहों को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस महकमे के पास महज 140 ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं. ऐसे में किसी एक पुलिस कर्मी पर काम का अतिरिक्त बोझ न पड़े, इसके लिए तीन हिस्सों में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों से 8 घंटे का काम लिया जा रहा है. इसके साथ ही पुलिस कर्मचारियों के लिए योग के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.