देहरादून: राजधानी देहरादून में दो दिन तक हुई टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कॉन्फ्रेंस 2022 (Tourism and Hospitality Conference 2022) में सरकार ने पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसायियों के साथ गहन चर्चा की. सरकार की तरफ से विभागीय सचिव दिलीप जावलकर ने सरकार की मंशा और तैयारियों के बारे में उद्यमियों को बताया. वहीं, पर्यटन से जुड़े अलग-अलग सेक्टर के तमाम बड़े से लेकर छोटे व्यापारियों ने भी सरकार को कई तरह के सुझाव दिए और अपनी कई तरह की चुनौतियां भी सरकार के आगे रखीं.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि तकरीबन 300 उद्यमियों ने इस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया. सभी ने अपनी चुनौतियों के साथ-साथ अपने तमाम सुझाव सरकार को दिए और कुछ मांगें भी सरकार से की हैं. इन मांगों को सरकार अपनी पॉलिसी लेवल पर इंप्लीमेंट करेगी. इससे पर्यटन सेक्टर से जुड़े तमाम उद्यमियों से बात करके सरकार को भी आगे की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी.
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, रियल स्टेट के श्रीराम बिल्डवेल और स्टे विस्ता कंपनी के नीरज पंत ने अपने-अपने विचार रखे. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पूरे विश्व के जो हालात हुए हैं, वो सबने देखे हैं. इसके साथ ही प्रदेश की आर्थिकी का पूरा दबाव पर्यटन इंडस्ट्री पर होने के बावजूद उत्तराखंड में उसका जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन करना बेहद मुश्किल है. उद्यमियों का मानना है कि एक तरफ पिछले दो सालों से हुए नुकसान की भरपाई करना चुनौती है. वहीं, दो साल से ठप हुई व्यवस्था को अचानक इतने दबाव के साथ व्यवस्थित करना भी एक नई चुनौती है.
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उद्यमियों का कहना है कि दो साल से काम बंद था. इसलिए सारी व्यवस्थाएं बिगड़ चुकी हैं. वहीं, अब उत्तराखंड में पर्यटकों का अचानक भारी दबाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में सभी व्यवस्थाओं को सुचारू करना एक अलग चुनौती है. सभी का कहना है कि उनकी बुकिंग फुल चल रही है. हर कोई इस बात का आकलन बेहद आसानी से लगा सकता है कि इस बार पर्यटन सीजन में उत्तराखंड के ऊपर ज्यादा दबाव रहने वाला है. ऐसे में उद्यमियों ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं. उद्यमियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है सरकार उनके सुझावों जरूर अमल करेगी.