देहरादूनः कोरोना के चलते नुकसान झेल रही वेडिंग इंडस्ट्री खतरे में है. उत्तराखंड में जल्द इस इंडस्ट्री को सहारा न मिला तो कई लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ सकती है. हालांकि, अब केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के बयान से व्यवसायियों को उम्मीद की किरण दिखाई दी है, लेकिन जल्द शादियों को लेकर बंदिशों में कमी नहीं की गई तो इससे जुड़े व्यवसायी तबाह हो सकते हैं.
उत्तराखंड में वेडिंग इंडस्ट्री हजारों परिवारों का पेट पालती है. इसमें वेडिंग हॉल संचालकों से लेकर केटरिंग, घोड़ा बग्गी भी शामिल है, लेकिन कोरोनाकाल में इस इंडस्ट्री के हालात बद से बदतर हो गए हैं. शादी का एक सीजन तो जा चुका है और अब अगले सीजन के भी खराब होने की संभावना से व्यवसायी डरे हुए हैं. इस बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने जल्द आधी क्षमता के साथ वेडिंग हॉल मालिकों को शादियां करवाने की इजाजत देने का भरोसा दिलाया है.
जिसके बाद से ही वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में उम्मीद की किरण जगी है. हालांकि, करीब 6 महीनों से ठप पड़े इस काम के जल्द न खुलने पर व्यवसायियों के बर्बाद होने का संकट आ खड़ा हुआ है. ऐसे में व्यवसायियों की मांग है कि जल्द से जल्द आधी क्षमता के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए. जिससे वेडिंग हॉल की आधी क्षमता के आधार पर शादियों के आयोजन हो सके.
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बता दें कि देहरादून में ही करीब 100 से ज्यादा वेडिंग प्वाइंट मौजूद हैं. इस लिहाज से देहरादून में ही करीब 10,000 से ज्यादा लोग शादी के इस कारोबार से जुड़े हुए हैं. मार्च महीने में देहरादून में कोरोना की दस्तक के साथ ही शादियों का सीजन शून्य हो गया था. अनुमान लगाया जाता है कि करीब 100 करोड़ का नुकसान अकेले राजधानी देहरादून में ही इस सीजन में शादियों से जुड़े व्यवसायियों को हुआ है. जबकि, करीब 1000 शादियां इस दौरान कैंसिल भी की गई.
वेडिंग व्यवसायी कहते हैं कि अब फौरन केंद्रीय मंत्री के घोषणा के लिहाज से मंजूरी नहीं दी गई तो पूरा व्यवसाय ठप हो जाएगा और व्यवसायी तबाह. आपको बता दें कि फिलहाल सरकार की ओर से शादियों में 100 लोगों के ही मौजूद रहने को लेकर अनुमति दी गई है, लेकिन इस परमिशन के बावजूद भी व्यवसायियों को बड़ा नुकसान हो रहा है.