देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन विभाग का फोकस होम स्टे योजना को सफल बनाने की तरफ है. इसके लिए विभाग योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की संख्या को लेकर सख्ती के मूड में है. ऐसे में बिना रजिस्ट्रेशन होम स्टे योजना का संचालन करने वाले लोगों पर विभाग सख्त कार्रवाई की रणनीतियां तैयार कर सकता है.
पलायन को रोकने के लिए कारगर मानी जा रही होम स्टे योजना लाख कोशिशों के बाद भी बेहतर स्थिति में नहीं आ पा रही है. स्थिति ये है कि योजना को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन अब तक महज 1540 रजिस्ट्रेशन ही हो पाए हैं. 2020 तक होमस्टे रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य 5000 रखा गया है. ये स्थिति तब है जब होम स्टे के लिए आम लोगों को कई रियायतें और सब्सिडी भी सरकार की तरफ से दी जा रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि होम स्टे योजना का संचालन कर रहे लोग रजिस्ट्रेशन कराने से बच रहे हैं. ऐसा रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सरकारी बाध्यताओं की संभावना को देखते हुए किया जा रहा है.
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पर्यटन विभाग की नियमावली में हुए बदलाव के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान करने की भी तैयारी की जा रही है. सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार, पहले होमस्टे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने को लेकर विभाग के पास कोई पॉवर नहीं थी, लेकिन अब संशोधन होने के बाद विभाग इस पर कार्रवाई कर सकता है. खास बात ये है कि रजिस्ट्रेशन न होने से योजना की आंकड़ों के लिहाज से खराब स्थिति दिख रही है.