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होम स्टे योजना के रजिस्ट्रेशन को लेकर विभाग सख्त, 2020 तक पांच हजार का रखा लक्ष्य

पलायन को रोकने के लिए कारगर मानी जा रही होम स्टे योजना लाख कोशिशों के बाद भी बेहतर स्थिति में नहीं आ पा रही है. इसके लिए विभाग योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की संख्या को लेकर सख्ती के मूड में है.

होम स्टे योजना के रजिस्ट्रेशन को लेकर विभाग सख्त.
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Published : Oct 27, 2019, 2:58 PM IST

Updated : Oct 27, 2019, 3:33 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन विभाग का फोकस होम स्टे योजना को सफल बनाने की तरफ है. इसके लिए विभाग योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की संख्या को लेकर सख्ती के मूड में है. ऐसे में बिना रजिस्ट्रेशन होम स्टे योजना का संचालन करने वाले लोगों पर विभाग सख्त कार्रवाई की रणनीतियां तैयार कर सकता है.

होम स्टे योजना के रजिस्ट्रेशन को लेकर विभाग सख्त.

पलायन को रोकने के लिए कारगर मानी जा रही होम स्टे योजना लाख कोशिशों के बाद भी बेहतर स्थिति में नहीं आ पा रही है. स्थिति ये है कि योजना को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन अब तक महज 1540 रजिस्ट्रेशन ही हो पाए हैं. 2020 तक होमस्टे रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य 5000 रखा गया है. ये स्थिति तब है जब होम स्टे के लिए आम लोगों को कई रियायतें और सब्सिडी भी सरकार की तरफ से दी जा रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि होम स्टे योजना का संचालन कर रहे लोग रजिस्ट्रेशन कराने से बच रहे हैं. ऐसा रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सरकारी बाध्यताओं की संभावना को देखते हुए किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: SI माया बिष्ट की मौत पर राज्यपाल ने जताया दुख, मृतकों के परिवार को एक-एक लाख की सहायता

पर्यटन विभाग की नियमावली में हुए बदलाव के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान करने की भी तैयारी की जा रही है. सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार, पहले होमस्टे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने को लेकर विभाग के पास कोई पॉवर नहीं थी, लेकिन अब संशोधन होने के बाद विभाग इस पर कार्रवाई कर सकता है. खास बात ये है कि रजिस्ट्रेशन न होने से योजना की आंकड़ों के लिहाज से खराब स्थिति दिख रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन विभाग का फोकस होम स्टे योजना को सफल बनाने की तरफ है. इसके लिए विभाग योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की संख्या को लेकर सख्ती के मूड में है. ऐसे में बिना रजिस्ट्रेशन होम स्टे योजना का संचालन करने वाले लोगों पर विभाग सख्त कार्रवाई की रणनीतियां तैयार कर सकता है.

होम स्टे योजना के रजिस्ट्रेशन को लेकर विभाग सख्त.

पलायन को रोकने के लिए कारगर मानी जा रही होम स्टे योजना लाख कोशिशों के बाद भी बेहतर स्थिति में नहीं आ पा रही है. स्थिति ये है कि योजना को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन अब तक महज 1540 रजिस्ट्रेशन ही हो पाए हैं. 2020 तक होमस्टे रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य 5000 रखा गया है. ये स्थिति तब है जब होम स्टे के लिए आम लोगों को कई रियायतें और सब्सिडी भी सरकार की तरफ से दी जा रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि होम स्टे योजना का संचालन कर रहे लोग रजिस्ट्रेशन कराने से बच रहे हैं. ऐसा रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सरकारी बाध्यताओं की संभावना को देखते हुए किया जा रहा है.

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पर्यटन विभाग की नियमावली में हुए बदलाव के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान करने की भी तैयारी की जा रही है. सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार, पहले होमस्टे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने को लेकर विभाग के पास कोई पॉवर नहीं थी, लेकिन अब संशोधन होने के बाद विभाग इस पर कार्रवाई कर सकता है. खास बात ये है कि रजिस्ट्रेशन न होने से योजना की आंकड़ों के लिहाज से खराब स्थिति दिख रही है.

Intro:summary- उत्तराखंड में पर्यटन विभाग का फोकस अब होम स्टे योजना को सफल बनाने की तरफ है.. और इसके लिए विभाग योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की संख्या को लेकर खास तौर पर फोकस कर रहा है.. ऐसे में बिना रजिस्ट्रेशन होम स्टे योजना का संचालन करने वाले लोगों पर विभाग सख्ती के मूड में दिखाई दे रहा है...


Body:पलायन को रोकने के लिए कारगर मानी जा रही होम स्टे योजना लाख कोशिशों के बाद भी बेहतर स्थिति में नही आ पा रही है...स्थिति ये है कि योजना को करीब दो साल होने को हैं लेकिन अब तक महज 1540 रजिस्ट्रेशन ही हो पाए हैं... जबकि 2020 तक होमस्टे रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य 5000 रखा गया है... यह स्थिति तब है जब होमस्टे के लिए आम लोगों को कई रियायतें और सब्सिडी भी सरकार की तरफ से दी जा रही है... ऐसे भी माना यह जा रहा है कि होम स्टे योजना का संचालन कर रहे लोग रजिस्ट्रेशन कराने से बच रहे हैं... ऐसा रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सरकारी बाध्यताओं की संभावना को देखते हुए किया जाना माना जा रहा है... हालांकि पर्यटन विभाग की नियमावली में हुए बदलाव के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान करने की भी तैयारी की जा रही है... सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर की माने तो पहले होमस्टे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने को लेकर विभाग के पास कोई पावर नहीं थी लेकिन अब संध्या वाली संशोधन होने के बाद विभाग इस पर कार्यवाही कर सकता है।।। खास बात यह है कि रजिस्ट्रेशन ना होने से योजना की आंकड़ों के लिहाज से खराब स्थिति दिख रही है...यही नही पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से भी रजिस्ट्रेशन बेहद जरूरी है...

वाइट दिलीप जावलकर पर्यटन सचिव उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Oct 27, 2019, 3:33 PM IST
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