देहरादून: भाई दूज त्यौहार होली के दूसरे दिन मनाया जाता है. भाईदूज पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर, रक्षा सूत्र बांधती हैं. भाइयों की स्वस्थ रहने, सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करती हैं. भाईदूज का त्यौहार भाई बहनों के बीच स्नेह बढ़ाता है. आपको बताते हैं होली भाई दूज की तारीख और शुभ मुहूर्त.
सनातनी हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है भाईदूज: भाईदूज हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है. ये त्यौहार भाइयों और बहनों के बीच स्नेह के बंधन को खूब मजबूत करता है. इस त्यौहार के नाम से ही पता चलता है कि ये त्यौहार हिंदू पंचांग के अनुसार दूसरे दिन यानी द्वितीय तिथि को मनाया जाता है.
त्यौहारों का देश है भारत: हमारे देश भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है. हमारे त्यौहार हमारी संस्कृति की समृद्धता को बताते हैं. इन त्यौहारों के माध्यम से हम लोग हमारे देश की प्राचीन समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाते हैं. हालांकि दिवाली के दो दिन बाद आने वाला भाईदूज त्यौहार, होली की अपेक्षा ज्यादा उल्लास से मनाया जाता है. इसके बावजूद यह त्यौहार भी खास है. भैया दूज को भातृ द्वितीया, भाई द्वितीया, भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नामों से भी जाना जाता है.
ऐसे मनाते हैं भाईदूज: भाई बहन के पवित्र रिश्ते के बंधन और स्नेह की खुशी मनाते हुए, बहन अपने भाई को तिलक लगाती हैं. आरती उतारकर भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. इसके बदले भाई अपनी बहन को उपहार देकर अपना प्यार और स्नेह प्रकट करता है. भैया दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए टीका समारोह आयोजित करती हैं. इस समारोह में भाइयों के लंबे और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं. भाई बहनों को उपहार भेंट करते हैं.
बहनें ऐसे करती हैं पूजा: भाईदूज पर बहनें अपने भाइयों के सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करती है. भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं. इस मौके पर भाई भी अपनी बहनों को प्यार और स्नेह से भेंट देते हैं.
भाईदूज का त्यौहार शुरू होने की कहानी: हमारी भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा मौजूद है. ऐसे ही भाई दूज की भी यम और यमी से जुड़ी कहानी है. भगवान यम अपने काम में व्यस्त रहते थे. इस कारण उन्हें अपनी बहन के घर जाने का समय नहीं मिल पाता था. एक दिन समय निकालकर उन्होंने यामी के घर पहुंच बहन को चौंका दिया.
बहन यमी ने भाई यम के लिए बनाए स्वादिष्ट पकवान: भाई को आए देख खुशी से प्रफुल्लित बहन यमी ने उनके लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाए. भाई यम के माथे पर तिलक लगाया. आरती उतारकर भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना की. बहन यमी के इस अपार स्नेह से यमराज ने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा. यमी ने कहा कि वह ये चाहती हैं कि उनका भाई हर साल उसके पास आए. कोई भी बहन जो अनुष्ठान करती है. तिलक लगाती है. उसे कभी भी मृत्यु के देवता यमराज का भय नहीं हो. यमराज ने बहन को ऐसा ही होने का वचन दे दिया. मान्यता है कि तभी से भाईदूज का त्यौहार मनाया जाता है.
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होली भाईदूज का शुभ मुहूर्त: होली भाईदूज आज 9 मार्च 2023, गुरुवार को है. द्वितीया तिथि प्रारम्भ 08 मार्च 2023 की शाम 07:42 बजे से. द्वितीया तिथि समापन 09 मार्च 2023 रात 08:54 बजे. भाई को तिलक करने का मुहूर्त दोपहर 12:31 बजे से 02.00 बजे तक है.