देहरादून: उत्तराखंड की तीरथ सरकार में यूं तो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के निर्णयों को पलटने पर पहले ही विवाद चल रहा था, लेकिन अब उनके सुझाव को नामंजूर भी किया जाने लगा है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह को चिट्ठी लिखकर कर्फ्यू खोले जाने से जुड़े जिस सुझाव को दिया था, उसे विचार के बाद नामंजूर कर दिया गया है.
राज्य सरकार को कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक चिट्ठी लिखकर ऐसे लोगों के लिए कर्फ्यू को पूरी तरह से खोलने का सुझाव दिया था. इस चिट्ठी में त्रिवेंद्र सिंह का फोकस पर्यटकों को राज्य में पर्यटक स्थलों या तीर्थ स्थलों पर जाने की इजाजत देने से जुड़ा था. ईटीवी भारत से बात करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया कि अब तक वैक्सीन की डबल डोज लगाने वालों के लिए राज्य में पूरी तरह से छूट होनी चाहिए थी. यही नहीं ऐसे व्यापारियों को भी प्रतिष्ठान खोलने की इजाजत देनी चाहिए थी.
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उधर जिन पुजारी या पंडा समाज को अब तक डबल डोज नहीं लगाई गई है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेट किया जाना चाहिए. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए यह भी कहा कि कोरोना के साथ अब राज्य में दूसरी तरह की दिक्कतें जैसे व्यापारियों के लिए रोजी-रोटी और युवाओं के लिए रोजगार का संकट है. लिहाजा सरकार को कर्फ्यू में अब राहत देनी ही चाहिए.
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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चिट्ठी लिखकर सरकार को इसके मद्देनजर कदम उठाने का सुझाव दिए. लेकिन सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के इस सुझाव को फिलहाल नामंजूर कर दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार मानती है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस सुझाव जिसमें दो डोज वाले वैक्सीनेट लोगों के लिए राज्य में सभी गतिविधियां खोलना है, को यदि माना जाता है तो उससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
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सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल कहते हैं कि ऐसा करने से वह लोग तो सुरक्षित हैं जो दो डोज वैक्सीन की लगवा चुके हैं. लेकिन वह बाकी लोगों को संक्रमित जरूर कर सकते हैं. ऐसे में दूसरों को खतरे में डालने का यह कदम सरकार नहीं उठा सकती.