देहरादून: उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में आज धामी सरकार और वन विभाग ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार की भी निगाहें थीं. यहां कॉर्बेट से लाई गई एक बाघिन का नया बसेरा बसाया गया. इस कार्यक्रम में कॉर्बेट समेत सरकार और वन विभाग के सभी बड़े अधिकारी राजाजी टाइगर रिजर्व में जुटे. वहीं, दूसरी ओर कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघिन ने दम तोड़ दिया.
राजाजी नेशनल पार्क में आज केंद्रीय वन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल एक बाघिन को नया बसेरा दिलाने पहुंचे. हरी झंडी दिखाकर बाघों के ट्रांसलोकेशन के इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया. इस दौरान केंद्र सरकार के अफसरों के साथ उत्तराखंड के बड़े अफसर यहां मौजूद रहे. यही नहीं कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधिकारी राजाजी में मौजूद रहे. इसी दौरान एक ऐसी खबर आई जिससे विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई.
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दरअसल, एक तरफ वन विभाग एक बाघिन के ट्रांसलोकेशन के कार्यक्रम में व्यस्त था, तो दूसरी तरफ कॉर्बेट में एक दूसरी बाघिन के जाने की खबर मिली. करीब 7 साल की यह वयस्क मादा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में मिली थी. जानकार बताते हैं कि यह वही क्षेत्र था जहां हजारों पेड़ अवैध रूप से काटे जाने का मामला बेहद चर्चाओं मे रहा. जानकारों की मानें तो इस बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई. हालांकि मौत का कारण क्या था यह पोस्टमार्टम के ही बात पता चल पाएगा, लेकिन सवाल यह है कि बड़ी संख्या में पेड़ कटने के बाद क्या इस क्षेत्र में आसानी से टाइगर सर्वाइव कर पा रहे हैं या नहीं?
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अब इस पूरे मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने बाघिन की मौत पर सवाल उठाया है, जिसपर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने जवाब देते हुए कहा कि, इस वक्त पूरे फॉरेस्ट सिस्टम को ऑर्गनाइज्ड तरीके से करने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाओं को तुरंत ट्रेस किया जा सके और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सके. वहीं, पूरे मामले में गंभीरता दिखाते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को जांच के आदेश दे दिए गए हैं.