देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में नियुक्ति को लेकर वैसे तो कई मंत्रियों और रसूखदार लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनके करीबी और रिश्तेदारों को विधानसभा में नौकरी मिली. हालाकि, उत्तराखंड में कांग्रेस का सबसे ज्यादा निशाना अब तक कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ही बने हैं. लेकिन विधानसभा में नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद अब विरोधियों के निशाने पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी आ चुके हैं.
उधर, रेखा आर्य का नियुक्तियों के लिए सिफारिशी पत्र भी कांग्रेस के लिए बड़ा मुद्दा रहा है. लिहाजा, कांग्रेस फिलहाल मुख्यमंत्री से लेकर इन तीन मंत्रियों पर निशाना साधने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री पर यह निशाना उनके नेतृत्व वाली सरकार में आ रहे भ्रष्टाचार के तमाम मामलों को लेकर है. वहीं, धन सिंह रावत के तो कई विभाग हैं, जहां नियुक्तियों में घपले के आरोप लगते रहे हैं.
प्रेमचंद अग्रवाल पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहने के दौरान नियुक्ति को लेकर विवादों में हैं. वहीं, रेखा आर्य भी अपने काम करने के तरीके और तमाम सिफारिशी पत्रों को लेकर कांग्रेस के निशाने पर रहीं हैं. लिहाजा, कांग्रेस ऐसे मंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर सरकार पर दबाव बनाने में लगी हुई है.
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उत्तराखंड में शायद ही पहले कभी ऐसा हुआ हो, जब इतनी बड़ी संख्या में भर्तियों पर गड़बड़ी के आरोप लगे हों और इतनी भर्तियों की एक साथ जांच की जा रही हो. शायद इसीलिए कांग्रेस को सरकार पर आरोप लगाने का बड़ा मौका मिल गया है. इसी की बदौलत कांग्रेस के नेता तमाम मंत्रियों के इस्तीफे की मांग रहे हैं. हालांकि, इनमें कई भर्तियां ऐसी भी हैं जो कांग्रेस शासनकाल में हुई थीं.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला कहते हैं कि कांग्रेस को तो इस्तीफे मांगने की आदत पड़ गई है. उनके प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही पार्टी पर तमाम तरह के आरोप लगाकर अजीब-ओ-गरीब बयान दे रहे हैं. लिहाजा, पार्टी के नेता समझ ही नहीं पा रहे कि वह किस तरह के और क्या बयान दें?