देहरादून: प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच एक राहत की खबर है. केंद्र सरकार से राज्य को रेमडेसिविर के 3 हजार इंजेक्शन भेजे गए हैं. ड्रग कंट्रोलर की निगरानी में तमाम अस्पतालों को ये इंजेक्शन आवंटित भी कर दिये गये हैं.
बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देशभर में दिखाई देने लगी है. उत्तराखंड सरकार ने केंद्र को इस इंजेक्शन की कमी को दूर करने के लिए गुहार लगाई गई थी. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रदेश को 3000 इंजेक्शन भेजे हैं.
हालांकि, रेमडेसिविर की यह डोज प्रदेश में फैल रहे संक्रमण और बढ़ते मरीजों की संख्या के लिए पर्याप्त नहीं है. मौजूदा स्थिति में इसे एक राहत के रूप में देखा जा रहा है. इस इंजेक्शन को ड्रग कंट्रोलर की निगरानी में सभी अस्पतालों को भेजा गया है. प्रदेश में सबसे ज्यादा कोविड-19 मरीजों का दबाव झेल रहे दून मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा इंजेक्शन भेजे गए हैं.
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दून मेडिकल कॉलेज में कुल 840 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं. इसके अलावा एम्स ऋषिकेश के साथ ही देहरादून जनपद के 7 निजी अस्पतालों को भी यह इंजेक्शन मुहैया कराया गया है. इसके अलावा हरिद्वार के 6 अस्पताल, पौड़ी के एक, उधम सिंह नगर के दो, नैनीताल के 6, और उत्तरकाशी के एक अस्पताल को ये इंजेक्शन भेजे गये हैं.
क्या है रेमडेसिविर इंजेक्शन ?
रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम कर रहा है. कोरोनावायरस से फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ता है और इसके बाद मरीज को निमोनिया की शिकायत हो जाती है. ऐसे में यह इंजेक्शन फेफड़े को इंफेक्शन से बचाता है. इस इंजेक्शन को मरीजों की स्थिति के लिहाज से दिया जाता है. ज्यादा गंभीर मरीज को 6 इंजेक्शन तक लगाने पड़ते हैं.