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बुक अवार्ड्स के साथ 'वैली आफ वर्ड्स' का हुआ शानदार समापन, निशंक ने लेखकों को किया पुरस्कृत

तीन दिवसीय वैली ऑफ वर्डस कार्यक्रम का समापन हुआ. कोरोना के चलते यह उत्सव वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित हुआ.देश के विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक संस्थान, विश्वविद्यालय व स्कूल ने प्रतिभाग किया.

Valley of Words program mussoorie news
वैली आफ वर्ड्स का समापन.
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Published : Nov 23, 2020, 2:00 PM IST

मसूरी: तीन दिवसीय 'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम का 'वैली आफ वर्ड्स बुक अवार्ड्स' के साथ समापन हो गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सात अलग-अलग श्रेणियों में चयनित लेखकों को पुरस्कृत किया. इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. आरएस ढिल्लन ने की. आरएस टोलिया फोरम की ओर से आयोजित 'रिव्यू टू पीतांबर दत्त बड़थ्वाल' कार्यक्रम मुख्य आकर्षण रहे.

इसके अलावा इंडिया शुड रिकॉग्नाइज तिब्बत एंड ताइवान, वाइल्ड हिमालयाज, द इंडियन मशीन हिस्ट्री एंड फ्यूचर, ए जनरेशन कॉल्ड जेड रू अवेयरनेस एंड एक्टिविस्ट, द उतराखंड्स वाइस चांसलर्स राउंड टेबल, आईडेंटिटी, सॉलिडेरिटी एंड कम्यूनिटी, पाकिस्तान- द गैरिसन स्टेट, स्ट्रैटेजिक ऑप्शन इन द इंडो पेसिफिक, द फ्यूचर रू विल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फाइट वार्स, 150 इयर्स ऑफ यूएसए- ए रोडमैप फॉर द फ्यूचर, वाइल्ड हार्ट ऑफ इंडिया जैसे सत्र हुए. इसके अलावा हिंदी में- प्रेम की बदलती मुद्राएं, कविता तेरे कितने रूप, हिंदी लेखन में युवा सत्र भी आयोजित हुए व छह किताबों का विमोचन भी किया गया.

यह भी पढे़ं- वैली ऑफ वर्ड्स का दूसरा सत्र, 'कोविड-19 का आर्थिकी पर प्रभाव' को लेकर चर्चा

संस्था के ऑनरेरी क्यूरेटर डॉ. संजीव चोपड़ा ने बताया कि कोरोना के चलते यह उत्सव वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित हुआ और कामयाबी के नए आयाम छुए. कार्यक्रम में करीब एक लाख लोग वर्चुअल प्लेटफार्म से जुड़े. वहीं, देश के विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक संस्थान, विश्वविद्यालय व स्कूल ने प्रतिभाग किया. उन्होंने बताया कि वैली ऑफ वर्ड्स का चौथा सीजन वर्चुअल होने के कारण इसका लाभ अधिक लोगों ने उठाया.

मसूरी: तीन दिवसीय 'वैली ऑफ वर्ड्स' कार्यक्रम का 'वैली आफ वर्ड्स बुक अवार्ड्स' के साथ समापन हो गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सात अलग-अलग श्रेणियों में चयनित लेखकों को पुरस्कृत किया. इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. आरएस ढिल्लन ने की. आरएस टोलिया फोरम की ओर से आयोजित 'रिव्यू टू पीतांबर दत्त बड़थ्वाल' कार्यक्रम मुख्य आकर्षण रहे.

इसके अलावा इंडिया शुड रिकॉग्नाइज तिब्बत एंड ताइवान, वाइल्ड हिमालयाज, द इंडियन मशीन हिस्ट्री एंड फ्यूचर, ए जनरेशन कॉल्ड जेड रू अवेयरनेस एंड एक्टिविस्ट, द उतराखंड्स वाइस चांसलर्स राउंड टेबल, आईडेंटिटी, सॉलिडेरिटी एंड कम्यूनिटी, पाकिस्तान- द गैरिसन स्टेट, स्ट्रैटेजिक ऑप्शन इन द इंडो पेसिफिक, द फ्यूचर रू विल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फाइट वार्स, 150 इयर्स ऑफ यूएसए- ए रोडमैप फॉर द फ्यूचर, वाइल्ड हार्ट ऑफ इंडिया जैसे सत्र हुए. इसके अलावा हिंदी में- प्रेम की बदलती मुद्राएं, कविता तेरे कितने रूप, हिंदी लेखन में युवा सत्र भी आयोजित हुए व छह किताबों का विमोचन भी किया गया.

यह भी पढे़ं- वैली ऑफ वर्ड्स का दूसरा सत्र, 'कोविड-19 का आर्थिकी पर प्रभाव' को लेकर चर्चा

संस्था के ऑनरेरी क्यूरेटर डॉ. संजीव चोपड़ा ने बताया कि कोरोना के चलते यह उत्सव वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित हुआ और कामयाबी के नए आयाम छुए. कार्यक्रम में करीब एक लाख लोग वर्चुअल प्लेटफार्म से जुड़े. वहीं, देश के विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक संस्थान, विश्वविद्यालय व स्कूल ने प्रतिभाग किया. उन्होंने बताया कि वैली ऑफ वर्ड्स का चौथा सीजन वर्चुअल होने के कारण इसका लाभ अधिक लोगों ने उठाया.

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