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पिथौरागढ़ उपचुनाव: किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का ये चौथा मामला, जानिए इससे पहले कब-कब हुआ

6 नवंबर से पिथौरागढ़ उपचुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. क्या आप जानते हैं, कि राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का ये चौथा मामला है, चलिए जानते हैं इससे पहले ऐसी परिस्थितियों में कब-कब उपचुनाव हुआ.

उत्तराखंड में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का ये चौथा मामला
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Published : Nov 4, 2019, 6:37 PM IST

देहरादून: पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसी साल होना है. 6 नवंबर तक नामांकन दाखिल करने की तिथि है. 25 नवम्बर को मतदान, और 28 को मतगणना होनी है. इस सीट को लेकर प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस जीत का दावा कर रही हैं. राज्य गठन के बाद इन 19 सालों में उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का यह चौथा मामला है.

उत्तराखंड में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का ये चौथा मामला

राज्य गठन के बाद इन 19 सालों में चौथी बार प्रदेश की विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. पहली बार 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस सीट पर उनके पुत्र पुष्पेश त्रिपाठी उत्तराखंड क्रांति दल से विजयी हुए. दूसरी बार साल 2014 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस सीट पर उनकी पत्नी ममता राकेश कांग्रेस पार्टी से इस सीट पर विजयी हुईं थीं.

पढ़ेंः पिथौरागढ़ उपचुनाव: बीजेपी ने खेला सहानुभूति का कार्ड, कांग्रेस को नहीं मिल रहा तोड़

तीसरी बार साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. इस सीट पर मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी लाल शाह बीजेपी पार्टी से चुनाव जीती थीं. अब दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इस बार बीजेपी ने उनकी पत्नी चंद्रा पंत को चुनावी मैदान पर उतारा है. इस सीट पर 25 नवंबर को मतदान होना है.

देहरादून: पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसी साल होना है. 6 नवंबर तक नामांकन दाखिल करने की तिथि है. 25 नवम्बर को मतदान, और 28 को मतगणना होनी है. इस सीट को लेकर प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस जीत का दावा कर रही हैं. राज्य गठन के बाद इन 19 सालों में उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का यह चौथा मामला है.

उत्तराखंड में किसी विधायक के निधन के बाद उपचुनाव का ये चौथा मामला

राज्य गठन के बाद इन 19 सालों में चौथी बार प्रदेश की विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. पहली बार 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस सीट पर उनके पुत्र पुष्पेश त्रिपाठी उत्तराखंड क्रांति दल से विजयी हुए. दूसरी बार साल 2014 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस सीट पर उनकी पत्नी ममता राकेश कांग्रेस पार्टी से इस सीट पर विजयी हुईं थीं.

पढ़ेंः पिथौरागढ़ उपचुनाव: बीजेपी ने खेला सहानुभूति का कार्ड, कांग्रेस को नहीं मिल रहा तोड़

तीसरी बार साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. इस सीट पर मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी लाल शाह बीजेपी पार्टी से चुनाव जीती थीं. अब दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इस बार बीजेपी ने उनकी पत्नी चंद्रा पंत को चुनावी मैदान पर उतारा है. इस सीट पर 25 नवंबर को मतदान होना है.

Intro:उत्तराखंड राज्य बने 19 साल पूरे होने को है और इन 19 सालों में प्रदेश के भीतर चार बार विधानसभा और चार बार लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं लेकिन उत्तराखंड राज्य के इन 19 सालों में अभी तक 12 बार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं, और इसी साल पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। जिसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस उपचुनाव के लिए 6 नवंबर तक नामांकन दाखिल करने की तिथि हैं। और 25 नवम्बर को मतदान, और 28 को मतगणना होना है। तो वही दोनों मुख्य पार्टिया भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जीत का दावा कर रही है।


Body:वित्त मंत्री स्व प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने है। जो किसी भी विधानसभा सीट पर उपचुनाव का 13वा मामला है। हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव साल 2002 में हुआ था। उस दौरान नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद रहे एनडी तिवारी ने सांसदी छोड़ रामनगर विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था।


यही नही राज्य गठन के बाद इन 19 सालो में उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह चौथा मामला है। हालांकि पहली बार 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। वही साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। और अब वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। और इस सीट पर 25 नवंबर को मतदान होने है। 

बाइट - आरपी रतूड़ी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
बाइट - देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा


Conclusion:
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