देहरादूनः हरिद्वार में वैसे तो तमाम गंगा घाट हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. माना जाता है कि इन घाटों पर स्नान करने पर पुण्य मिलता है, जिसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने कई ऐसे घाटों का निर्माण भी किया है, जिनमें हजारों-करोड़ों रुपये की लागत आई है. उन्हीं में से एक वर्ल्ड क्लास घाट हरिद्वार के चंडी घाट पर बना है. इसे सबसे खूबसूरत और महंगे घाट के रूप में जाना जाता है. इसके निर्माण में 60 करोड़ से ज्यादा का खर्च आया है लेकिन हैरानी की बात ये है कि ये घाट भी चोरों की नजर से नहीं बच पाया है. उद्घाटन से लेकर अबतक चोर कई बार यहां के सामानों पर हाथ साफ कर चुके हैं.
हरिद्वार के चंडी घाट पर बने इस घाट के निर्माण की आधारशिला से लेकर उद्घाटन तक इसकी खूबसूरती की चर्चा अखबारों की सुर्खियों में रही है. यह घाट 675 मीटर लंबा है. इस पर केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत 60 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं. इस घाट को देखकर हर कोई इसका मुरीद हो सकता है. नीलधारा के तट बने इस घाट का निर्माण तत्कालीन हरीश रावत सरकार में हुआ था, तब ऋषि कुल के मैदान में उमा भारती समेत तमाम बड़े नेताओं ने इसकी आधारशिला रखी थी.
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हालांकि, इसका पूरा निर्माण मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार में हुआ. इसका फीता काटने के लिए जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे थे. इसमें कोई दो राय नहीं है कि केंद्र सरकार ने इस घाट को बनाकर न केवल हरिद्वार को एक सौगात दी बल्कि, देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह घाट बेहद मुफीद साबित होगा. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि अब देश के सबसे महंगे घाट पर चोरों की नजर पड़ गई है. बताया जा रहा है कि चोर यहां पर कई बार चोरी की घटना को अंजाम दे चुके हैं.
कई सामानों पर हाथ साफ कर चुके हैं चोर
चोरों ने न केवल यहां पर लगे नल पर हाथ साफ किया है. बल्कि, चेंजिंग रूम में लोहे के फ्रेम, फूलों के गुलदस्ते समेत कई तरह के सामानों पर अबतक हाथ साफ कर चुके हैं. ये बात अलग है कि चोरियां कई दिनों के अंतराल में हुई हैं. गंगा घाट पर कार्यदायी संस्था के प्रमुख अमित शर्मा को भी चोरी की ये घटनाएं खल रही हैं.
अमित शर्मा का कहना है कि यह घाट केंद्र सरकार ने बड़ी ही भावनाओं के साथ बनाया है, जिसकी देखरेख संस्था की ओर से की जा रही है, लेकिन कई बार ऐसी घटनाएं यहां पर हो रही हैं जो नहीं होनी चाहिए. हालांकि, उनके हिसाब से इन घटनाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है लेकिन वो बार-बार लोगों से यह अपील जरूर कर रहे हैं कि यह घाट आम लोगों के लिए ही है. लिहाजा, इसकी ध्यान रखने की जिम्मेदारी सभी की है.
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घाट पर तैनात हैं 9 कर्मचारी
अमित शर्मा का कहना है कि इस घाट की देखरेख के लिए 9 कर्मचारियों को दिनभर तैनात किया जाता है, जिसमें सफाई कर्मचारी से लेकर आने जाने वालों की एंट्री और दूसरी तरह की व्यवस्थाओं के लिए कर्मचारियों को रखा गया है. उनका कहना है कि कुछ लोग यहां पर आकर आए दिन नशे का सेवन भी करते हैं, जो किसी भी तरह से सही नहीं है. हालांकि, उन्हें तत्काल बाहर भेज दिया जाता है.
लाल पत्थर बढ़ाते हैं घाट की खूबसूरती
हरिद्वार का यह घाट एकमात्र ऐसा घाट है जहां पर बैठकर स्नान करने पर बेहद शांति की अनुभूति होती है. चंडी देवी मंदिर की तलहटी पर बने इस घाट की खूबसूरती पर लाल पत्थर चार चांद लगा देते हैं. इतना ही नहीं, कलकल बहती नीलधारा में स्नान का लुत्फ भी इस घाट में उठा सकते हैं. इस घाट को पार्किंग, चेंजिंग रूम की व्यवस्था से लेकर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है.
वहीं, हरिद्वार में गंगा की स्वछता के लिए काम करने वाले बीइंग भगीरथ के सदस्य शिखर पालीवाल भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं. उनकी मानें तो कई बार उनके संज्ञान में भी ऐसी जानकारी आई है कि नमामि गंगे घाट से फूलों और लोहे के सामानों की चोरी समेत दूसरे संसाधन गायब हुए हैं, जो ठीक नहीं है. लिहाजा, वो भी लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं, जिससे इस घाट की खूबसूरती बरकरार रह सके.