देहरादून: उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से 2648 पदों पर होने वाली शिक्षकों की भर्ती अधर में लटकी हुई है. खास बात यह है कि इतने लंबे समय बाद भी इस भर्ती को लेकर फिलहाल संशय बरकरार है. यही नहीं शिक्षा विभाग ने यह साफ कर दिया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से इस पर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो जाएगी, तब तक यह भर्ती नहीं कराई जाएगी.
हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर लगाई रोक: शिक्षा विभाग की भर्ती पिछले लंबे समय से कोर्ट कचहरी के चक्कर में लंबित पड़ी है. दरअसल, इस भर्ती के लिये 2020-21 में आवेदन आमंत्रित किए गए थे. तब इस भर्ती के लिए एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को भी भर्ती में शामिल होने की इजाजत दी गई थी. लेकिन इसके बाद सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को इस भर्ती से बाहर रखने का फैसला लिया. बस इसके बाद यह भर्ती हाईकोर्ट में विवाद की वजह बन गई और डीएलएड प्रशिक्षकों ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर कर दी. खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी.
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सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं: लेकिन जब तक यह रोक लगती तब तक सरकार कई पदों पर भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ा चुकी थी. ऐसे में सरकार के सामने अब हाईकोर्ट के स्थगन के कारण एक बड़ी दिक्कत आ गई. इससे पहले कि सरकार हाईकोर्ट के स्थगन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाती बीएड टीईटी प्रशिक्षित सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. हालांकि इसके बावजूद भी सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि विभाग का मानना है कि जब तक कोर्ट से यह मामला पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता तब तक इस पर भर्ती को आगे बढ़ाना सही नहीं होगा.