देहरादून: पिछले साल 30 दिसंबर को उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर और भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. हालांकि, इस दुर्घटना के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर नारसन चेकपोस्ट से लेकर हरिद्वार शांतिकुंज तक सर्वे का काम कराया गया था. लिहाजा अब सर्वे का काम पूरा हो गया है. इसकी ऑडिट रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है.
ऋषभ पंत के हादसे बाद रोड की सर्वे रिपोर्ट आई: हालांकि, सड़क सुरक्षा समिति ने इस बीच आठ ऐसे ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं जो हादसों के लिहाज से बेहद खतरनाक हैं. इसके साथ ही सड़क सुरक्षा समिति ने राजमार्ग पर 22 दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को भी चिन्हित किया है. सड़क सुरक्षा समिति की सर्वे रिपोर्ट को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को भी भेज दिया गया है. ताकि ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों पर एहतियाती कदम उठाकर हादसों को रोका जा सके. सड़क सुरक्षा समिति में आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी, एआरटीओ हरिद्वार रश्मि पंत, एआरटीओ कुलवंत सिंह, क्षेत्राधिकारी यातायात राकेश रावत, पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी शामिल रहे.
नारसन से हरिद्वार तक 8 ब्लैक स्पॉट: सड़क सुरक्षा समिति ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को सौंपने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को भी सौंप दी गई है. रिपोर्ट में ब्लैक स्पॉट के आसपास एहतियाती कदम उठाने की सिफारिश की गई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा पर नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल से हरिद्वार के शांतिकुंज तक के 59 किमी लंबे मार्ग पर आठ ब्लैक स्पाट पाए गए हैं. इसी के साथ इस मार्ग पर 22 ऐसे अन्य दुर्घटना संभावित क्षेत्र भी चिह्नित किए गए हैं, जो सुरक्षित परिवहन और यातायात की दृष्टि से संवेदनशील हैं.
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क्या होते हैं ब्लैक स्पॉट: सड़क पर जिस जगह बार-बार हादसे होते हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है. सरकार की ओर से किसी सड़क, हाईवे, एक्सप्रेस वे पर अगर एक ही जगह तीन साल में पांच सड़क हादसे हो जाएं. इसके अलावा किसी जगह पर तीन साल में दस मौत हो जाएं तो उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है.