देहरादून: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कालागढ़ वन प्रभाग में बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया है. कॉर्बेट के निदेशक के आदेश पर कालागढ़ वन प्रभाग में हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए 12 सदस्यीय टीम गठित की गई है. जिसने रिजर्व के बफर जोन मोरघट्टी वन क्षेत्र के अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया है.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि पाखरो वन क्षेत्र में पूर्व में स्वीकृत नक्शे से अलग किए गए कार्यों के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति मांगी गई थी. जिसके बाद निर्माण कार्यों को रोक दिया गया था. अगर निर्माण को अनुमति नहीं मिलती है. तो इस निर्माण को भी अवैध मानते हुए ध्वस्त कर दिया जाएगा.
प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कहा कि कालागढ़ वन प्रभाग के पाखरो वन क्षेत्र में एक अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया गया है. कालागढ़ वन मंडल के क्षेत्र के सर्वे के बाद एनटीसीए की एक टीम ने मोरघट्टी और पाखरो वन क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण की पुष्टि की थी. साथ ही इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के साथ ही अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की थी.
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वन रेंजर को किया था निलंबित
कुछ दिन पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ प्रभाग के तहत पाखरो रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृज बिहारी शर्मा को पेड़ों के अवैध पातन के मामले में निलंबित कर दिया गया है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए की जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी ने पाखरो रेंजर के निलंबन के आदेश जारी किए. रेंजर शर्मा पर पाखरो वन सफारी परियोजना में निर्धारित से अधिक पेड़ कटवाने का आरोप है.
आदेश के अनुसार, पाखरो रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर पेड़ों के अवैध पातन के साथ अनाधिकृत रूप से उप प्रभागीय वन अधिकारी के पदनाम का प्रयोग कर वैधानिक, प्रशासनिक, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने का आरोप भी है. इस संबंध में एनटीसीए को शिकायत प्राप्त होने के बाद जांच चल रही थी. जांच के आरोप की पुष्टि होने पर एनटीसीए से की ओर से कार्रवाई की संस्तुति की गई.