देहरादूनः उत्तराखंड राज्य के वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित पड़े मामले अब तेजी से निपटाए जाएंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हाल ही में बैठक आयोजित की गयी. जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए नियमित समीक्षा किये जाने के निर्देश दिए. साथ ही जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, डीएफओ व समाज कल्याण अधिकारी द्वारा महीने में एक बार बैठकर लम्बित मामलों का निस्तारण किया जाएगा.
जिलों में लैंड बैंक बनाने के निर्देश
यही नहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसी ब्लॉक में वनाधिकार से संबंधित यदि कोई मामला है, तो उसे चिन्हित करने के भी निर्देश दिए हैं और प्रदेश के सभी जिलों में लैंड बैंक बनाने के निर्देश दिये हैं, ताकि भविष्य में प्रदेश के भीतर शुरू होने वाली योजनाओं-परियोजनाओं में लैंड बैंक का इस्तेमाल किया जा सके.
546 मामले लंबित पड़े हैं
भारत सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल 'परिवेश' में ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया की जा रही है. राज्य निर्माण के बाद अभी तक वन भूमि के 42,479.47 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण हुआ है, जिसमें कुल 3,691 प्रकरण शामिल हैं.
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यही नहीं राज्य में अभी वन भूमि के 546 केस विभिन्न स्तरों पर लंबित पड़े हैं. लंबित पड़े इन मामलों में लोक निर्माण विभाग के 270, एनएचएआई के 14, पीएमजीएसवाई के 169, रोड सेक्टर के 7, पेयजल के 22, खनन का 1, हाईडिल के 2, ट्रांसमिशन लाइन के 5 और 56 अन्य मामले शामिल हैं.