देहरादून: जम्मू-कश्मीर में दो दिन पहले सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आतंकी इदरीश अहमद का उत्तराखंड कनेक्शन सामने आया है. इदरीश अहमद साल 2017 से 2021 के बीच देहरादून में ही रहा था. इदरीश अहमद देहरादून के सेलाकुई में स्थित एक कॉलेज में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था. वहीं, इदरीश अहमद पिछले दो महीने से गायब था, परिजनों को भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
बताया जा रहा है कि इदरीश अहमद दो महीने पहले अप्रैल में ही आतंकी संगठन से जुड़ा था. वो मूल रूप से कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले का रहने वाला था. जैसे आतंकी इदरीश अहमद का देहरादून कनेक्शन सामने आया उत्तराखंड पुलिस और यहां का खुफिया विभाग एक बार फिर कश्मीरी छात्रों को लेकर सक्रिय हो गया है. उत्तराखंड पुलिस और खुफिया विभाग अब आतंकी इदरीश अहमद के देहरादून में रहने वाले दोस्तों और उसकी अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा रहा है. इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से भी कश्मीरी छात्र-छात्राओं के सत्यापन और उनके बारे जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है.
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बता दें कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में इसी साल अप्रैल के महीने में आतंकियों ने सरपंच शब्बीर अमहद मरी की हत्या कर दी थी. वहीं, दो दिन पहले बीते सोमवार (27 जून) को सुरक्षा बलों को जानकारी मिली कि अमहद मरी की हत्या करने वाले दोनों आतंकी कुलगाम के गुंडचहल इलाके में छिपे हुए हैं. सुरक्षा बलों ने जब तलाशी अभियान शुरू किया तो आतंकियों ने उन पर भी अंधाधुंध फायरिंग कर दी. ऐसे में सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकी मारे गए. मारे गए आंतकियों की पहचान कैमुह निवासी जुबैर एह मीर और कुलपोरा निवासी इदरीश अहमद डार के रूप में हुई थी. अब पता चला है कि इदरीश अहमद डार पांच साल देहरादून में भी रहा था.
देहरादून में करीब डेढ़ हजार कश्मीरी छात्र: उत्तराखंड में बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्र रहते हैं. अकेले देहरादून में ही करीब डेढ़ हजार से ज्यादा कश्मीरी छात्र अलग-अलग कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के लिए चिंता की बात ये है कि पहले ही यहां पढ़ने वाले कई कश्मीरी छात्रों के आतंकियों से कनेक्शन मिले हैं. हालांकि, ये ताजा मामला सामने आने के बाद एक बार फिर उत्तराखंड पुलिस और खुफिया विभाग के कान खड़े हो गए हैं.
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आतंकियों का उत्तराखंड कनेक्शन: इससे पहले 2018 में शोएब अहमद लोन नाम का कश्मीरी छात्र जो देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करता था, वो आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया था. हालांकि, बाद में वो भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारा गया.
यूनिवर्सिटी के तीनों छात्रों पर हुई थी कार्रवाई: साल 2020 में भी कई कॉलेजों ने अपने यहां पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया था. उन छात्रों ने आतंकी संगठनों के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए थे, जिसमें भारतीय सेना का विरोध भी शामिल था, जिसके चलते उन पर कानूनी कार्रवाई हुई थी.