देहरादूनः उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश में हेली सेवाएं अपनी अहम भूमिका निभाती है. यही वजह है कि राज्य सरकार, प्रदेश को हेली सेवाओं के माध्यम से जोड़ने की कवायत में जुटी हुई है. इसी क्रम में नैनीताल और मसूरी में अन्य हेलीपैड बनाने को लेकर जगह चिन्हित कर ली गई है. इसके साथ ही जल्द ही पवन हंस एविएशन के माध्यम से टिहरी और श्रीनगर को भी हेली कनेक्टिविटी से जोड़ दिया जाएगा.
वहीं, उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि कई कारणों से प्रदेश में हेली सेवाओं की जरूरत पड़ती है, क्योंकि प्रदेश में वीआईपी मूवमेंट या फिर प्रदेश से दूरस्थ गांव में इमरजेंसी सर्विस के दौरान हेली सेवा की बेहद आवश्यकता पड़ती है. यही नहीं प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के लिहाज से आपदा जैसी स्थिति बनने पर हेली सेवाए अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. ऐसे में भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तमाम जगहों पर हेलीपैड मौजूद रहें, ताकि आपदा के समय आसानी से रेस्क्यू अभियान चलाया जा सकें.
प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावना हैं, ऐसे में पर्यटकों को प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद खूबसूरत वादियों तक पहुंचा जाए. इसके लिए भी हेली सेवा भी बेहद जरूरी है. लिहाजा तमाम चीजों को देखते हुए प्रदेश भर में करीब 63 हेलीपैड बनाए जा चुके हैं और जरूरत पड़ने पर नए हेलीपैड भी बनाएं जाते रहे हैं. इसी क्रम में नैनीताल में हेलीपैड बनाने के लिए जगह देखी गई है, जिसका फाइनल सर्वे किया जा रहा है. इसके साथ ही मसूरी में एक अन्य हेलीपैड बनाने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है, ताकि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को दिक्कत न हो.
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साथ ही उड्डयन सचिव ने बताया कि उड़ान योजना के अंतर्गत प्रदेश के तमाम जगहों को हेली कनेक्टिविटी से जोड़ा जा चुका है. उड़ान योजना के तहत मार्च सेकंड वीक तक टिहरी और श्रीनगर को भी हेली सेवा से जोड़ लिया जाएगा. इसके बाद आगामी एक महीने में हल्द्वानी से अल्मोड़ा को भी कनेक्ट कर लिया जाएगा. लिहाजा इसी क्रम में तमाम अन्य जगहों पर भी हेली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है.