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कोरोनाकाल में टैक्सी-मैक्सी संचालक परेशान, दो साल का टैक्स माफ करने की मांग - टैक्सी संचालक दो साल का टैक्स माफ की मांग

कोरोना महामारी के चलते टैक्सी व्यवसाय चरमराई हुई है. अब घाटे से जूझ रहे टैक्सी-मैक्सी संचालकों ने सरकार से दो साल का टैक्स माफ करने की मांग की है.

taxi maxi operators
टैक्सी व्यवसाय
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Published : Apr 16, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 2:52 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसका असर व्यापारियों में दिखने भी लगा है. वहीं कोरोना महामारी का असर टैक्सी-मैक्सी व्यवसाय पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. टैक्सी मैक्सी संचालकों ने इस महामारी में दो साल का टैक्स माफ करने की सरकार से अपील की है.

टैक्सी संचालकों पर कोरोना की मार.

गौर हो कि धारा चौकी के सामने स्थित पुराने बस अड्डे में टैक्सी-मैक्सी संचालक सवारियों की राह ताक रहे हैं. लेकिन सवारियों की संख्या कम होने से उनको मायूस होना पड़ रहा है. ऐसे में इस संक्रमण काल में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. टैक्सी संचालक उत्तरकाशी, श्रीनगर, पौड़ी, चंबा, टिहरी जाने वाले यात्रियों के इंतजार में बैठे हुए हैं,लेकिन सवारिया नजर नहीं आ रही है. ऐसे में टैक्सी संचालकों ने सरकार से टैक्स माफ करने की अपील की है.

ये भी पढ़ेंः 100 बसंत देख चुकी दुर्गा देवी को मिली भिटौली, अपनों को भी नहीं पहचान पाई आंखें

देहरादून के टैक्सी मैक्सी वर्कर यूनियन के अध्यक्ष विमल राणा का कहना है कि इस कोरोनाकाल में सरकार को राहत प्रदान करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, ऊपर से इस कोरोना संक्रमण काल में सवारियों का अभाव बना हुआ है. जिस कारण टैक्सी मैक्सी संचालकों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीजल की बेतहाशा वृद्धि से उनके व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में सरकार ने व्यवसायिक वाहनों पर 50 प्रतिशत सवारी बैठाने का फैसला लिया है, जिस कारण उनके व्यवसाय में इसका असर पड़ रहा है. टैक्सी-मैक्सी संचालकों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में उनका दो साल का टैक्स माफ करना चाहिए, जिससे वे उबर सकें. बता दें कि पर्वतीय जिलों में सवारियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए करीब 200 मैक्सी कैब और टैक्सी देहरादून से संचालित होती हैं. लेकिन इस संक्रमण काल में टैक्सी- मैक्सी संचालकों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

देहरादून: प्रदेश में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसका असर व्यापारियों में दिखने भी लगा है. वहीं कोरोना महामारी का असर टैक्सी-मैक्सी व्यवसाय पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. टैक्सी मैक्सी संचालकों ने इस महामारी में दो साल का टैक्स माफ करने की सरकार से अपील की है.

टैक्सी संचालकों पर कोरोना की मार.

गौर हो कि धारा चौकी के सामने स्थित पुराने बस अड्डे में टैक्सी-मैक्सी संचालक सवारियों की राह ताक रहे हैं. लेकिन सवारियों की संख्या कम होने से उनको मायूस होना पड़ रहा है. ऐसे में इस संक्रमण काल में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. टैक्सी संचालक उत्तरकाशी, श्रीनगर, पौड़ी, चंबा, टिहरी जाने वाले यात्रियों के इंतजार में बैठे हुए हैं,लेकिन सवारिया नजर नहीं आ रही है. ऐसे में टैक्सी संचालकों ने सरकार से टैक्स माफ करने की अपील की है.

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देहरादून के टैक्सी मैक्सी वर्कर यूनियन के अध्यक्ष विमल राणा का कहना है कि इस कोरोनाकाल में सरकार को राहत प्रदान करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, ऊपर से इस कोरोना संक्रमण काल में सवारियों का अभाव बना हुआ है. जिस कारण टैक्सी मैक्सी संचालकों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीजल की बेतहाशा वृद्धि से उनके व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में सरकार ने व्यवसायिक वाहनों पर 50 प्रतिशत सवारी बैठाने का फैसला लिया है, जिस कारण उनके व्यवसाय में इसका असर पड़ रहा है. टैक्सी-मैक्सी संचालकों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में उनका दो साल का टैक्स माफ करना चाहिए, जिससे वे उबर सकें. बता दें कि पर्वतीय जिलों में सवारियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए करीब 200 मैक्सी कैब और टैक्सी देहरादून से संचालित होती हैं. लेकिन इस संक्रमण काल में टैक्सी- मैक्सी संचालकों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.

Last Updated : Apr 16, 2021, 2:52 PM IST
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