देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. 3 मई यानी मंगलवार से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. यात्रा को लेकर जहां सरकार तैयारियों में जुटी भी है तो वहीं देहरादून के टैक्सी मैक्सी संचालकों ने सरकार से अन्य राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों पर रोक लगाने की मांग की है. टैक्सी संचालकों का कहना है कि बाहर की गाड़ियों से उनका व्यवसाय प्रभावित होता है.
मैक्सी कैब टैक्सी वर्कर्स यूनियन उत्तराखंड (Maxi Cab Taxi Workers Union Uttarakhand) के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह राणा का कहना है कि इस बार हर मोटर मालिक और चालक चारधाम यात्रा से उम्मीद लगाए बैठा है. क्योंकि, बीते 2 सालों से कोरोना महामारी के कारण यात्रा स्थगित रही. जिस कारण टैक्सी संचालकों का काम चौपट रहा. उन्होंने कहा कि टैक्सी मैक्सी संचालकों को राहत देने के लिए सरकार कम से कम 2 साल का टैक्स माफ करती तो हमें थोड़ी राहत मिल जाती.
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उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा चलने की उम्मीद से प्रत्येक गाड़ी मालिक ने अपने वाहनों पर 60 से 70 हजार रुपए खर्च कर डाले, लेकिन जिस प्रकार से कोरोना की फिर से आशंका बन गई है, उससे यात्रा को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. उन्होंने सरकार से पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने से मोटर मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं किराया महंगा होने से जनता को भी परेशानी उठानी पड़ रही है.
शेर सिंह राणा का कहना है कि चारधाम यात्रा से टैक्सी संचालकों और चालकों को फायदा तब हो सकता है, जब अन्य राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों को ऋषिकेश, देहरादून और हरिद्वार में रोक दिया जाए. इससे उत्तराखंड प्रदेश के टैक्सी और मैक्सी संचालकों को यात्रा का लाभ मिलेगा और बीते 2 सालों से उनके चौपट हुए व्यवसाय की थोड़ी बहुत रिकवरी हो पाएगी. वहीं, वाहन संचालक राजेश का कहना है कि सरकार भले ही चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन प्रदेशवासियों को यात्रा का लाभ नहीं मिल पाता है. अन्य प्रदेशों से कमर्शियल वाहन आकर उनका व्यापार छीन लेते हैं.