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देहरादूनः रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा, यात्री हो रहे परेशान

रेलवे स्टेशन के बाहर बने यातायात पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों ने कब्जा जमा लिया है. टैक्सी स्टैंड होने के कारण यहां यात्रियों का जमाबाड़ा लगा रहता है. जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा.
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Published : Oct 13, 2019, 9:00 PM IST

देहरादून: राजधानी के रेलवे स्टेशन के बाहर यातायात पुलिस का बूथ टैक्सी स्टैंड बन चुका है. इस कारण ट्रेन आने के बाद यहां यात्रियों का जमाबाड़ा लग जाता है. जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं, पैदल चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मामले में रेलवे प्रशासन दो बार यातायात पुलिस को पत्र लिख चुका है, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा.

रेलवे स्टेशन के बाहर बने टैक्सी स्टैंड में संचालक अपनी मनमानी करते हैं, टैक्सी संचालक रेलवे प्रशासन को किसी भी तरह का किराया भी नहीं देते हैं. वहीं, जब भी रेलवे प्रशासन ने टैक्सी स्टैंड को हटाने की कोशिश की तो सभी टैक्सी संचालक बगावत शुरू कर स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर धरने पर बैठ जाते हैं. इसके साथ ही कई बार टैक्सी यूनियन और टैक्सी संचालकों को नोटिस भेजे गए हैं. लेकिन, हालात जस के तस बने हुए हैं. डीआरएम तरुण प्रकाश ने भी इस बार आश्वस्त किया है कि जल्द ही उच्च अधिकारियों से वार्ता करके जल्द से जल्द टैक्सी स्टैंड को हटाने का काम किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: त्योहारी सीजन के चलते ऑटो सेक्टर में उछाल की उम्मीद, ग्राहकों के लिए कई ऑफर

रेलवे स्टेशन डायरेक्टर गणेश चंद ठाकुर ने बताया कि जब कोई ट्रेन आती है तो जीआरपी और आरपीएफ का स्टॉफ लगा रहता है. जल्द से जल्द भीड़ को नियंत्रण की जाती है, लेकिन हमारे पास पार्किंग एरिया बहुत कम है. जो पार्किंग एरिया है, उसमें यातायात बूथ है. जिसमें टैक्सी संचालकों का कब्जा होने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं, एक बार रेलवे प्रशासन ने जीआरपी की मदद से इस बूथ को हटाने की कोशिश की. लेकिन, टैक्सी ड्राइवर स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.

देहरादून: राजधानी के रेलवे स्टेशन के बाहर यातायात पुलिस का बूथ टैक्सी स्टैंड बन चुका है. इस कारण ट्रेन आने के बाद यहां यात्रियों का जमाबाड़ा लग जाता है. जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं, पैदल चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मामले में रेलवे प्रशासन दो बार यातायात पुलिस को पत्र लिख चुका है, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

पुलिस बूथ पर टैक्सी संचालकों का कब्जा.

रेलवे स्टेशन के बाहर बने टैक्सी स्टैंड में संचालक अपनी मनमानी करते हैं, टैक्सी संचालक रेलवे प्रशासन को किसी भी तरह का किराया भी नहीं देते हैं. वहीं, जब भी रेलवे प्रशासन ने टैक्सी स्टैंड को हटाने की कोशिश की तो सभी टैक्सी संचालक बगावत शुरू कर स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर धरने पर बैठ जाते हैं. इसके साथ ही कई बार टैक्सी यूनियन और टैक्सी संचालकों को नोटिस भेजे गए हैं. लेकिन, हालात जस के तस बने हुए हैं. डीआरएम तरुण प्रकाश ने भी इस बार आश्वस्त किया है कि जल्द ही उच्च अधिकारियों से वार्ता करके जल्द से जल्द टैक्सी स्टैंड को हटाने का काम किया जाएगा.

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रेलवे स्टेशन डायरेक्टर गणेश चंद ठाकुर ने बताया कि जब कोई ट्रेन आती है तो जीआरपी और आरपीएफ का स्टॉफ लगा रहता है. जल्द से जल्द भीड़ को नियंत्रण की जाती है, लेकिन हमारे पास पार्किंग एरिया बहुत कम है. जो पार्किंग एरिया है, उसमें यातायात बूथ है. जिसमें टैक्सी संचालकों का कब्जा होने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं, एक बार रेलवे प्रशासन ने जीआरपी की मदद से इस बूथ को हटाने की कोशिश की. लेकिन, टैक्सी ड्राइवर स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.

Intro:किसी समय पर रेलवे स्टेशन के बाहर यातायात पुलिस का बूथ हुआ करता था लेकिन पुलिस ने इस यातायात बूथ को कुछ साल पहले छोड़ दिया और यातायात बूथ को स्टेशन के सामने से नही हटाया गया।आलम यह रहा कि इसी यातायात बूथ पर टेक्सी संचालको ने कब्जा कर लिया और अपना टेक्सी स्टैंड बना लिया।वही कोई ट्रेन आने के बाद काफी तादाद में यात्रियों के आने से टेक्सी स्टैंड बन जाने के कारण रेलवे स्टेशन के बाहर जाम की स्थिति बन जाती है।पैदल चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।हलांकि रेलवे प्रशासन ने कई बार यह टेक्सी स्टैंड हटाने की कोशिश की लेकिन टेक्सी संचालक अपनी मनमानी में आकर स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर देते है।वही रेलवे प्रशासन ने दो बार यातायात पुलिस को खत लिख चुके है लेकिन कोई भी नतीजा अब तक निकल पाया है।


Body:रेलवे स्टेशन के बाहर बने टेक्सी स्टैंड में खड़ी होने वाली टैक्सी संचालको ने अपनी मनमानी के चलते रेलवे प्रशासन को किसी भी तरह का किराया तक नही देते है,बल्कि जब भी रेलवे प्रशासन द्वारा टैक्सी स्टैंड को हटाने की कोशिश की गई तो सभी टैक्सी संचालकों ने बगावत शुरू कर स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ जाते है।वही कहीं बाहर टैक्सी यूनियन और टैक्सी ल संचालकों को नोटिस भेजे गए हैं,साथ ही स्थानीय जिला और पुलिस प्रशासन से इसे लेकर कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई भी नतीजा नही निकल पाया है।हालांकि डीआरएम तरुण प्रकाश ने भी इस बार आश्वस्त कर रखा है कि जल्द ही उच्च अधिकारियों से वार्ता करके जल्द से जल्द टैक्सी स्टैंड को हटाने का काम किया जाएगा।


Conclusion:रेलवे स्टेशन डारेक्टर गणेश चंद ठाकुर ने बताया कि जब कोई ट्रेन आती है तो जीआरपी और आरपीएफ का स्टॉप लगा रहता है और जल्द से जल्द भीड़ को नियंत्रण की जाती है।लेकिन हमारे पास पार्किंग एरिया बहुत कम है और जो भी एरिया है उसमें यातायात बूथ है।जिसे हमने एसपी ट्रैफिक को दो बार लिख चुके हैं कि इस बूथ को हटा लीजिए क्योंकि इस बूथ को टैक्सी ड्राइवर प्रयोग कर रहे हैं और अब तक यातायात पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।वहीं एक बार रेलवे प्रशासन ने जीआरपी की मदद से इस बूथ को हटाने की कोशिश की थी लेकिन टैक्सी ड्राइवर स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे।रेलवे प्रशासन ने यातायात पुलिस को दो बार खत लिख चुके हैं और एक बार ओर हम फिर से खत भेजने वाले हैं क्योंकि स्टेशन पर डेवलपमेंट का काम शुरू होने वाला है।साथ ही सरकार द्वारा तय किए गए किराया भी टैक्सी ड्राइवर रेलवे प्रशासन को नहीं देते हैं।

बाइट-गणेश चंद ठाकुर(रेलवे स्टेशन डारेक्टर)
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