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कोरोनाः बोले DG Law and Order, अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी चुनौती, लोगों का भी बदला नजरिया - DG Law and Order Ashok Kumar

डीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो इस वैश्विक महामारी में पुलिस दोहरी भूमिका और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है. विकट संकट के इस दौर में पुलिस को ऐसी भूमिका में काम करना पड़ रहा है जिसका अगला कदम क्या होगा इसका कोई भी अंदाजा भी नहीं लगा सकता.

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डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत
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Published : Apr 25, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 9:27 AM IST

देहरादून: दुनिया भर में वैश्विक महामारी के रूप में आतंक मचा रहे कोरोना से निजात पाने के लिए सभी देश दिन रात लगे हुए हैं. दुनिया भर में इस महामारी को इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. जानलेवा कोरोना संक्रमण से निजात पाने की लड़ाई में स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी लगातार संवेदनशील स्थानों पर अपनी जान जोखिम में डालकर मोर्चे पर डटे हुए है. लगभग महीने भर से कोरोना महामारी से 24 घंटे लड़ रही उत्तराखंड पुलिस के अनुभवों और कठिनाइयों को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत की.

संकट की घड़ी में पुलिस के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी

डीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो इस वैश्विक महामारी में पुलिस दोहरी भूमिका और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है. विकट संकट के इस दौर में पुलिस को ऐसी भूमिका में काम करना पड़ रहा है जिसका अगला कदम क्या होगा इसका कोई भी अंदाजा भी नहीं लगा सकता. इस वक्त पुलिस के कंधों पर न सिर्फ जनहित बल्कि लॉकडाउन की भी जिम्मेदारी है. साथ ही इस कठिन दौर में रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूर, असहाय, गरीब व जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाना भी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है.

पढ़ें- अहमदाबाद नया हॉट स्पॉट, मई के अंत तक हो सकते हैं 8 लाख कोरोना संक्रमित केस

कोरोना वायरस संक्रमण से जंग

डीजी, अशोक कुमार के मुताबिक उन्होंने अपनी 30 साल की नौकरी में हर तरह के दंगे, फसाद, बाबरी मस्जिद विवाद, उग्रवाद आतंकवाद जैसे तमाम कठिन परिस्थितियों को नियंत्रण में आते देखा है. मगर ऐसा पहली बार है कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दुनिया में किसी के पास कोई तजुर्बा नहीं है. ऐसे में जनता का जीवन किस तरह से सुरक्षित रहे इसे लेकर पुलिस अनुभवहीन होने के बावजूद दिन रात मोर्चे पर डटी हुई है. डीजी लॉ एंड ऑर्डर, अशोक कुमार ने भी माना कि इस तरह की अनोखी व लाइलाज वैश्विक महामारी से भविष्य में निपटने के लिए पुलिस सहित अन्य विभागों को भी प्रशिक्षण की आवशयकता है.

पढ़ें- CORONA: उत्तराखंड को लेकर सीएम त्रिवेंद्र ने लिए 4 बड़े फैसले, 9 पहाड़ी जिलों के अस्पतालों में देखे जाएंगे मरीज

कोरोना की जंग: पुलिस की नकारात्मक छवि में आया सकारात्मक सुधार

अशोक कुमार की मानें तो ब्रिटिश शासन काल के दौरान से ही पुलिस की छवि बेहद ही कड़क और नकारात्मक रही है. मगर इस महामारी के दौर में पुलिस ने जिस तरह से काम किया है उसने इसकी छवि को बदल दिया है. महामारी की जंग में जनता के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए पुलिस का ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है, जिसने पुलिस के प्रति लोगों के नजरिये को ही बदल कर रख दिया है.

देहरादून: दुनिया भर में वैश्विक महामारी के रूप में आतंक मचा रहे कोरोना से निजात पाने के लिए सभी देश दिन रात लगे हुए हैं. दुनिया भर में इस महामारी को इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. जानलेवा कोरोना संक्रमण से निजात पाने की लड़ाई में स्वास्थ्य और पुलिस कर्मी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

पुलिस और स्वास्थ्य कर्मी लगातार संवेदनशील स्थानों पर अपनी जान जोखिम में डालकर मोर्चे पर डटे हुए है. लगभग महीने भर से कोरोना महामारी से 24 घंटे लड़ रही उत्तराखंड पुलिस के अनुभवों और कठिनाइयों को लेकर ईटीवी भारत ने प्रदेश के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत की.

संकट की घड़ी में पुलिस के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी

डीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो इस वैश्विक महामारी में पुलिस दोहरी भूमिका और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है. विकट संकट के इस दौर में पुलिस को ऐसी भूमिका में काम करना पड़ रहा है जिसका अगला कदम क्या होगा इसका कोई भी अंदाजा भी नहीं लगा सकता. इस वक्त पुलिस के कंधों पर न सिर्फ जनहित बल्कि लॉकडाउन की भी जिम्मेदारी है. साथ ही इस कठिन दौर में रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूर, असहाय, गरीब व जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाना भी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है.

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कोरोना वायरस संक्रमण से जंग

डीजी, अशोक कुमार के मुताबिक उन्होंने अपनी 30 साल की नौकरी में हर तरह के दंगे, फसाद, बाबरी मस्जिद विवाद, उग्रवाद आतंकवाद जैसे तमाम कठिन परिस्थितियों को नियंत्रण में आते देखा है. मगर ऐसा पहली बार है कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दुनिया में किसी के पास कोई तजुर्बा नहीं है. ऐसे में जनता का जीवन किस तरह से सुरक्षित रहे इसे लेकर पुलिस अनुभवहीन होने के बावजूद दिन रात मोर्चे पर डटी हुई है. डीजी लॉ एंड ऑर्डर, अशोक कुमार ने भी माना कि इस तरह की अनोखी व लाइलाज वैश्विक महामारी से भविष्य में निपटने के लिए पुलिस सहित अन्य विभागों को भी प्रशिक्षण की आवशयकता है.

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कोरोना की जंग: पुलिस की नकारात्मक छवि में आया सकारात्मक सुधार

अशोक कुमार की मानें तो ब्रिटिश शासन काल के दौरान से ही पुलिस की छवि बेहद ही कड़क और नकारात्मक रही है. मगर इस महामारी के दौर में पुलिस ने जिस तरह से काम किया है उसने इसकी छवि को बदल दिया है. महामारी की जंग में जनता के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए पुलिस का ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है, जिसने पुलिस के प्रति लोगों के नजरिये को ही बदल कर रख दिया है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 9:27 AM IST
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