देहरादून: स्वामी अग्निवेश ने जीडीपी ग्रोथ को लेकर सरकार का विरोध किया है. उनके मुताबिक करीब 50 करोड़ संगठित लेबरों के लिए सरकार ने कोई गारंटी योजना नहीं बनाई है. संगठित सेक्टर के लिए सातवां वेतनमान लागू कर दिया गया है. जिनकी आय असंगठित सेक्टर में काम कर रहे वर्किंग क्लास से कहीं ज्यादा है.
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि ऑटोमोबाइल और टैक्सटाइल्स सेक्टरों में आर्थिक मंदी है, लेकिन जिनके लिए बीते 40 सालों से काम हो रहा है, उन असंगठित बंधुआ मजदूरों की संख्या करीब 50 करोड़ है. स्वामी अग्निवेश का कहना है कि सरकार के पास इन मजदूरों के लिए न तो 100 दिन के रोजगार की गारंटी है और न ही मिनिमम वेज की गारंटी है. सरकार ने संगठित क्षेत्र को ध्यान मे रखते हुए सातवां वेतनमान लागू किया है.
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यह उनके लिए है जो 24 से 25 हजार रुपये प्रति माह वेतन पाते हैं. जबकि इसकी तुलना में असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को 7 से 8 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है. स्वामी अग्निवेश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि वे ऑटोमोबाइल और बैंकों को बेलआउट कर रही हैं. उन्होंने सलाह दी कि अगर कारें नहीं होंगी तो भी देश जिंदा रहेगा, लेकिन किसान और मजदूर के न रहने पर समस्या होगी.