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जोशीमठ आपदा के साये में औली नेशनल विंटर गेम्स, क्या टल जाएंगे

औली में नेशनल विंटर गेम्स (Auli National Winter Games) को लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है. जोशीमठ भू धंसाव पर पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है. इसलिए औली में आयोजित विंटर गेम्स होंगे या नहीं इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है.

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Published : Jan 10, 2023, 12:35 PM IST

Updated : Jan 10, 2023, 12:52 PM IST

देहरादून: औली में आगामी 2 फरवरी से नेशनल विंटर गेम (Auli National Winter Games) प्रस्तावित थे. लेकिन जोशीमठ में मौजूदा हालातों (joshimath landslide) से बनी परिस्थितियों के चलते अब औली में होने वाले इन विंटर गेम्स के आयोजनों पर भी संकट मंडरा रहा है. हालांकि परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है और अगले 1 सप्ताह में औली में होने वाले विंटर गेम्स को लेकर फैसला लिया जाएगा.

आगामी 2 फरवरी से उत्तराखंड के औली में नेशनल विंटर गेम्स (Auli Winter Games) होने थे. जिसमें से अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक FIS रेस भी औली में प्रस्तावित थी. उत्तराखंड पर्यटन विभाग (Uttarakhand Tourism Department) और चमोली जिला प्रशासन द्वारा पिछले लंबे समय से औली विंटर गेम्स को लेकर तैयारियां की जा रही थी. लेकिन जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव के चलते बनी आपदा जैसी स्थितियों के चलते औली में होने वाले विंटर गेम्स पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं.

हालांकि अभी औली विंटर गेम्स को रद्द करने को लेकर कोई अधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है. जोशीमठ की मौजूदा स्थितियों के चलते औली विंटर गेम्स के लिए भी कई चुनौतियां बढ़ गई हैं. औली में प्रस्तावित नेशनल विंटर गेम्स को लेकर उत्तराखंड पर्यटन विभाग के मुख्य अधिशासी अधिकारी (साहसिक प्रकोष्ठ) कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि औली विंटर गेम्स को रद्द करने को लेकर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया गया है और लगातार परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है और अगले 7 दिन के अंदर कोई ठोस फैसला लिया जाएगा.
पढ़ें-एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब बनेगा उत्तराखंड, पर्यटन विभाग ने तैयार किया प्लान

अश्विनी पुंडीर बताते हैं कि औली में विंटर गेम्स के लिए लिहाज से स्लोप्स बेहतर काम कर रहे हैं और बाकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. वहीं चेयर लिफ्ट बिल्कुल ठीक काम कर रही है. लेकिन जोशीमठ से औली जाने वाली रोपवे सुविधा जोशीमठ में आई आपदा की वजह से बाधित हुई है, जोकि औली में होने वाले विंटर गेम्स को लेकर के एक बड़ी चुनौती है. बता दें कि जोशीमठ से औली जाने वाली रोपवे सर्विस गेम्स के टाइम पर तकरीबन 500 यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करती है. फिलहाल जोशीमठ में बने ताजा हालातों के चलते रोपवे सर्विस को रोका गया है. औली रोपवे के टावर नंबर वन के नीचे मौजूद जमीन में भू धंसाव के चलते रोपवे सर्विस को बंद कर दिया गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि औली के लिए अब सड़क काफी अच्छी बना दी गई है, जो कि एक विकल्प के रूप में भी देखी जा सकती है. यह सड़क बीआरओ द्वारा बनाई गई है और विंटर गेम्स के टाइम में इसे स्नो कटर से खुला रखा जाता है.
पढ़ें-औली में विंटर गेम्स की तैयारियां तेज, उपकरणों की मरम्मत के लिए फ्रांस से आए एक्सपर्ट

पार्किंग भी एक बड़ी चुनौती: औली विंटर गेम्स में रोपवे बंद होने की वजह से पर्यटकों के पहुंचने के लिए चुनौती बढ़ी है. हालांकि सड़क मार्ग एक विकल्प जरूर है लेकिन इसके चलते औली में पार्किंग की भी एक बड़ी समस्या है. ओली में 45 गाड़ी की पार्किंग गढ़वाल मंडल विकास निगम के पास है. इतनी ही तकरीबन नगर निगम के पास है. कुल मिलाकर तकरीबन 100 गाड़ियों की पार्किंग के लिए जगह मौजूद है. वहीं इसके अलावा औली विंटर कैंप के दौरान आर्मी भी अपनी पार्किंग और हेलीपैड उपलब्ध करती है. जिसमें कि तकरीबन 100 गाड़ियों को पार्क करने की क्षमता है. हालांकि इस पार्किंग में बरसात के दौरान होने वाला कीचड़ एक बड़ी चुनौती होता है.

चुनौतियां कम नहीं: औली विंटर गेम्स के दौरान जीएमवीएन यानी गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में खिलाड़ियों को रुकवाया जाता है. लेकिन इस बार जोशीमठ आपदा के कारण वैज्ञानिक व अधिकारियों के दौरे के चलते जीएमवीएन को इंगेज किया जाता है तो यह औली में होने जा रहे नेशनल विंटर गेम्स के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगा. इन सभी हालातों के चलते जोशीमठ की आपदा और नेशनल विंटर गेम्स को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. विंटर गेम्स औली में किए जाने हैं या नहीं, इसको लेकर हालातों का आकलन किया जा रहा है. समस्या यह है कि औली में प्रस्तावित नेशनल विंटर गेम्स पूरी तरह से उत्तराखंड में पर्यटक को आकर्षित करने के लिए हैं. लेकिन सवाल यह है कि जोशीमठ जो कि अभी आपदा की जद में है. क्या वहां कोई पर्यटक आएगा और यदि आता है तो क्या उसकी व्यवस्था हो पाएगी या नहीं इसको लेकर हालातों का आकलन किया जा रहा है.

देहरादून: औली में आगामी 2 फरवरी से नेशनल विंटर गेम (Auli National Winter Games) प्रस्तावित थे. लेकिन जोशीमठ में मौजूदा हालातों (joshimath landslide) से बनी परिस्थितियों के चलते अब औली में होने वाले इन विंटर गेम्स के आयोजनों पर भी संकट मंडरा रहा है. हालांकि परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है और अगले 1 सप्ताह में औली में होने वाले विंटर गेम्स को लेकर फैसला लिया जाएगा.

आगामी 2 फरवरी से उत्तराखंड के औली में नेशनल विंटर गेम्स (Auli Winter Games) होने थे. जिसमें से अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक FIS रेस भी औली में प्रस्तावित थी. उत्तराखंड पर्यटन विभाग (Uttarakhand Tourism Department) और चमोली जिला प्रशासन द्वारा पिछले लंबे समय से औली विंटर गेम्स को लेकर तैयारियां की जा रही थी. लेकिन जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव के चलते बनी आपदा जैसी स्थितियों के चलते औली में होने वाले विंटर गेम्स पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं.

हालांकि अभी औली विंटर गेम्स को रद्द करने को लेकर कोई अधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है. जोशीमठ की मौजूदा स्थितियों के चलते औली विंटर गेम्स के लिए भी कई चुनौतियां बढ़ गई हैं. औली में प्रस्तावित नेशनल विंटर गेम्स को लेकर उत्तराखंड पर्यटन विभाग के मुख्य अधिशासी अधिकारी (साहसिक प्रकोष्ठ) कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि औली विंटर गेम्स को रद्द करने को लेकर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया गया है और लगातार परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है और अगले 7 दिन के अंदर कोई ठोस फैसला लिया जाएगा.
पढ़ें-एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब बनेगा उत्तराखंड, पर्यटन विभाग ने तैयार किया प्लान

अश्विनी पुंडीर बताते हैं कि औली में विंटर गेम्स के लिए लिहाज से स्लोप्स बेहतर काम कर रहे हैं और बाकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. वहीं चेयर लिफ्ट बिल्कुल ठीक काम कर रही है. लेकिन जोशीमठ से औली जाने वाली रोपवे सुविधा जोशीमठ में आई आपदा की वजह से बाधित हुई है, जोकि औली में होने वाले विंटर गेम्स को लेकर के एक बड़ी चुनौती है. बता दें कि जोशीमठ से औली जाने वाली रोपवे सर्विस गेम्स के टाइम पर तकरीबन 500 यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करती है. फिलहाल जोशीमठ में बने ताजा हालातों के चलते रोपवे सर्विस को रोका गया है. औली रोपवे के टावर नंबर वन के नीचे मौजूद जमीन में भू धंसाव के चलते रोपवे सर्विस को बंद कर दिया गया है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि औली के लिए अब सड़क काफी अच्छी बना दी गई है, जो कि एक विकल्प के रूप में भी देखी जा सकती है. यह सड़क बीआरओ द्वारा बनाई गई है और विंटर गेम्स के टाइम में इसे स्नो कटर से खुला रखा जाता है.
पढ़ें-औली में विंटर गेम्स की तैयारियां तेज, उपकरणों की मरम्मत के लिए फ्रांस से आए एक्सपर्ट

पार्किंग भी एक बड़ी चुनौती: औली विंटर गेम्स में रोपवे बंद होने की वजह से पर्यटकों के पहुंचने के लिए चुनौती बढ़ी है. हालांकि सड़क मार्ग एक विकल्प जरूर है लेकिन इसके चलते औली में पार्किंग की भी एक बड़ी समस्या है. ओली में 45 गाड़ी की पार्किंग गढ़वाल मंडल विकास निगम के पास है. इतनी ही तकरीबन नगर निगम के पास है. कुल मिलाकर तकरीबन 100 गाड़ियों की पार्किंग के लिए जगह मौजूद है. वहीं इसके अलावा औली विंटर कैंप के दौरान आर्मी भी अपनी पार्किंग और हेलीपैड उपलब्ध करती है. जिसमें कि तकरीबन 100 गाड़ियों को पार्क करने की क्षमता है. हालांकि इस पार्किंग में बरसात के दौरान होने वाला कीचड़ एक बड़ी चुनौती होता है.

चुनौतियां कम नहीं: औली विंटर गेम्स के दौरान जीएमवीएन यानी गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में खिलाड़ियों को रुकवाया जाता है. लेकिन इस बार जोशीमठ आपदा के कारण वैज्ञानिक व अधिकारियों के दौरे के चलते जीएमवीएन को इंगेज किया जाता है तो यह औली में होने जा रहे नेशनल विंटर गेम्स के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगा. इन सभी हालातों के चलते जोशीमठ की आपदा और नेशनल विंटर गेम्स को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. विंटर गेम्स औली में किए जाने हैं या नहीं, इसको लेकर हालातों का आकलन किया जा रहा है. समस्या यह है कि औली में प्रस्तावित नेशनल विंटर गेम्स पूरी तरह से उत्तराखंड में पर्यटक को आकर्षित करने के लिए हैं. लेकिन सवाल यह है कि जोशीमठ जो कि अभी आपदा की जद में है. क्या वहां कोई पर्यटक आएगा और यदि आता है तो क्या उसकी व्यवस्था हो पाएगी या नहीं इसको लेकर हालातों का आकलन किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 10, 2023, 12:52 PM IST
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