देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में फॉरेस्ट चीफ को लेकर चल रही तनातनी में एक और नया मोड़ आ गया है. दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में डाली गई एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को स्टे कर दिया है.
उत्तराखंड वन विभाग में फॉरेस्ट चीफ के तौर पर आईएफएस अफसर राजीव भरतरी और विनोद सिंघल के बीच कोर्ट में चल रही लड़ाई अब नया मोड़ ले चुकी है. दरअसल अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है. जिसके बाद फॉरेस्ट चीफ राजीव भरतरी के पद पर एक बार फिर संकट खड़ा हो गया है. आपको बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में हुई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन फॉरेस्ट चीफ राजीव भरतरी को उनके इस पद से हटा दिया था. उनकी जगह आईएफएस अफसर विनोद सिंघल को यह जिम्मेदारी दी गई थी. इस मामले में राजीव भरतरी ने पहले कैट का दरवाजा खटखटाया. वहां से उनके पक्ष में निर्णय हुआ. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जाकर फॉरेस्ट चीफ के तौर पर अपनी पुनः नियुक्ति को लेकर आदेश पा लिया.
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को भी राजीव भरतरी को वन विभाग का मुखिया बनाना पड़ा. लेकिन जहां 4 अप्रैल को राजीव भरतरी ने फॉरेस्ट मुखिया के तौर पर चार्ज संभाला तो 6 अप्रैल को विनोद सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ एसएलपी दायर कर दी. अब ताजा खबर यह है कि हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है. जिसके बाद अब राजीव भरतरी फॉरेस्ट चीफ बने रहेंगे, इस पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं. इस मामले में ईटीवी भारत ने वन विभाग के सचिव विजय यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किए गए स्टे की कॉपी उनके पास नहीं पहुंची है. जैसे ही यह कॉपी उनके पास आती है, उसके बाद आगे निर्णय लिया जाएगा.