देहरादून: कोरोना के कहर से पूरा देश कराह रहा रहा है. कोरोना की इस लड़ाई में लॉकडाउन, सैनेटाइजर और मास्क को ही मुख्य हथियार माना जा रहा है. कोरोना के प्रकोप को देखते हुए देश तीन मई तक लॉकडाउन है. लॉकडाउन की शुरुआत में बाजार से मास्क और हैंड सैनेटाइजर गायब हो गए थे, लेकिन अब प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में हैंड सैनेटाइजर उपलब्ध है. देखिए ईटीवी भारत की खास पड़ताल...
इस वक्त हैंड सैनेटाइजर की भारी डिमांड है. ईटीवी भारत की पड़ताल के मुताबिक, राज्य में सैनेटाइजर की काफी अच्छी स्थिति है. स्टेट ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह ने बताया कि लॉकडाउन से पहले प्रदेश की कुछ कंपनियां ही सैनेटाइजर बना रहीं थीं, लेकिन जैसे इसकी डिमांड बढ़ी, छोटी कंपनियों ने सैनेटाइजर बनाना शुरू कर दिया. वर्तमान में प्रदेश में 170 कंपनियां सैनेटाइजर बना रही हैं. ये सभी कंपनियां एक दिन में तकरीबन 50 लाख लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन कर रही हैं.
कोरोना से लड़ाई में राज्य का तीसरा स्थान है. ऐसे में उत्तराखंड अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने पड़ोसी राज्यों की भी मदद कर रहा है. ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह के मुताबिक, प्रदेश से 20 फीसदी सैनेटाइजर अन्य प्रदेशों में सप्लाई भी किया जा रहा है, जिसका मतलब है कि प्रदेश में सैनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.
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सैनेटाइजर की पर्याप्त मात्रा
- राज्य में सैनेटाइजर की नहीं कोई कमी.
- 170 कंपनियां कर रहीं सैनेटाइजर का उत्पादन.
- रोजाना 50 लाख लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन.
- उत्पादन का 20 फीसदी दूसरे राज्यों को सप्लाई.
बाजार में सैनेटाइजर की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए ड्रग कंट्रोल विभाग द्वारा लगातार एक्शन लिया जा रहा है. ताजबर सिंह ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा प्रदेश के सभी केमिस्ट एजेंसियों और केमिस्ट शॉप पर छापेमारी की जा रही है. इस दौरान अनियमितता पाए जाने पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निरस्त दिया जा रहा है. पिछले दिनों राजधानी देहरादून में 4 और हरिद्वार में 16 मेडिकल शॉप का लाइसेंस निरस्त किया गया था.
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स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने लोगों से सैनेटाइजर खरीदने को लेकर कुछ बातें ध्यान रखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि सैनेटाइजर खरीदते समय उस पर 75% एल्कोहल का क्लेम जरूर देखें. साथ ही सैनेटाइजर खरीदने के बाद उसका बिल जरूर लें.
कोरोना से जंग में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है. लॉकडाउन की शुरुआत में प्रदेश में सैनेटाइजर को लेकर थोड़ी कमी देखने को मिली थी लेकिन वर्तमान में सैनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. इसके साथ ही उत्तराखंड अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दूसरे प्रदेशों की मदद कर रहा है.