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उत्तराखंड में दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली छात्राओं को मिलेगी छात्रवृत्ति, उच्च शिक्षा मंत्री ने दी सौगात

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति की सौगात दी. उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister) ने बताया कि टाटा इंस्टीट्यट ऑफ सोशल साइंसेज के माध्यम से लंदन की संस्था ऋषि एंड मिलन खोसला फाउंडेशन ने पर्वतीय एवं दूरस्त क्षेत्रों की 51 छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये प्रतिवर्ष रुपए 35000 की छात्रवृत्ति देने की घोषणा की.

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Published : Sep 25, 2022, 6:53 AM IST

देहरादून: प्रदेश के दुरस्त क्षेत्रों की 51 मेधावी छात्राओं को परास्नातक कोर्स के लिये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी. जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग (Uttarakhand Higher Education) के साथ दो बड़े संस्थाओं ने एमओयू हस्ताक्षर किये हैं. इससे जहां एक ओर संसाधनों के अभाव से वंचित पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं को उच्च ग्रहण करने हेतु अर्थिक मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को निःशुल्क कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Higher Education Minister Dhan Singh Rawat) की अध्यक्षता में देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने उच्च शिक्षा विभाग के साथ दो अलग-अलग एमओयू हस्ताक्षर कर पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति की सौगात दी. उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister) ने बताया कि टाटा इंस्टीट्यट ऑफ सोशल साइंसेज के माध्यम से लंदन की संस्था ऋषि एंड मिलन खोसला फाउंडेशन ने पर्वतीय एवं दूरस्त क्षेत्रों की 51 छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये प्रतिवर्ष रुपए 35000 की छात्रवृत्ति देने की घोषणा की. जबकि महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नांदी फाउंडेशन ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही दुर्गम क्षेत्रों की छात्राओं को चरणबद्ध रूप से कौशल विकास एवं स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण देने पर सहमति जताई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में ऋषि एंड मिलन खोसला फाउंडेशन के प्रतिनिधि तारा चंद एवं उच्च शिक्षा निदेशक (Uttarakhand Director of Higher Education) डॉ. संदीप शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
पढ़ें-विदेश यात्रा से वापस लौटे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, बढ़ा इस्तीफे का नैतिक दबाव!

जबकि एक अन्य अनुबंध में महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नांदी फाउंडेशन की ओर से चीफ स्किल ऑफिसर राधा वरदराजन व निदेशक उच्च शिक्षा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. धन सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना के तहत इस माह के अंतिम सप्ताह से एमबी कॉलेज हल्द्वानी से चरणबद्ध रूप में कौशल विकास स्वरोजगार प्रशिक्षण शुरू कर दिया जायेगा. ताकि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनने में सहायता मिल सके. उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करने के लिये दोनों संस्थाओं के संचालकों का आभार व्यक्त किया.

देहरादून: प्रदेश के दुरस्त क्षेत्रों की 51 मेधावी छात्राओं को परास्नातक कोर्स के लिये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी. जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग (Uttarakhand Higher Education) के साथ दो बड़े संस्थाओं ने एमओयू हस्ताक्षर किये हैं. इससे जहां एक ओर संसाधनों के अभाव से वंचित पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं को उच्च ग्रहण करने हेतु अर्थिक मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्राओं को निःशुल्क कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Higher Education Minister Dhan Singh Rawat) की अध्यक्षता में देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने उच्च शिक्षा विभाग के साथ दो अलग-अलग एमओयू हस्ताक्षर कर पर्वतीय क्षेत्रों की छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति की सौगात दी. उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister) ने बताया कि टाटा इंस्टीट्यट ऑफ सोशल साइंसेज के माध्यम से लंदन की संस्था ऋषि एंड मिलन खोसला फाउंडेशन ने पर्वतीय एवं दूरस्त क्षेत्रों की 51 छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये प्रतिवर्ष रुपए 35000 की छात्रवृत्ति देने की घोषणा की. जबकि महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नांदी फाउंडेशन ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही दुर्गम क्षेत्रों की छात्राओं को चरणबद्ध रूप से कौशल विकास एवं स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण देने पर सहमति जताई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में ऋषि एंड मिलन खोसला फाउंडेशन के प्रतिनिधि तारा चंद एवं उच्च शिक्षा निदेशक (Uttarakhand Director of Higher Education) डॉ. संदीप शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
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जबकि एक अन्य अनुबंध में महिंद्रा प्राइड क्लासरूम नांदी फाउंडेशन की ओर से चीफ स्किल ऑफिसर राधा वरदराजन व निदेशक उच्च शिक्षा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. धन सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना के तहत इस माह के अंतिम सप्ताह से एमबी कॉलेज हल्द्वानी से चरणबद्ध रूप में कौशल विकास स्वरोजगार प्रशिक्षण शुरू कर दिया जायेगा. ताकि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनने में सहायता मिल सके. उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करने के लिये दोनों संस्थाओं के संचालकों का आभार व्यक्त किया.

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