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धरने पर बैठे आयुष छात्र की तबीयत बिगड़ी, एंबुलेंस देर से आने पर अस्पताल में हंगामा

आमरण अनशन पर बैठे ललित तिवारी की गुरुवार को धरना-प्रर्दशन के दौरान हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद धरना स्थल पर 108 को बुलवाया गया, लेकिन देरी के चलते आमरण अनशन पर बैठे छात्र को एक निजी वाहन की मदद से दून अस्पताल लाया गया.

धरने पर बैठे ललीत की हालत गंभीर.
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Published : Nov 21, 2019, 9:14 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 11:39 PM IST

देहरादून: आयुष शुल्क बढ़ोत्तरी के खिलाफ धरने पर बैठे एक छात्र ललित तिवारी की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन धरना स्थल पर 108 के समय पर न पहुंचने पर ललीत को निजी वाहन के जरिए ले जाया गया. 108 के न पहुंचने से नाराज छात्रों ने दून अस्पताल में सीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

धरने पर बैठे आयुष छात्र की तबीयत बिगड़ी.

बता दें कि, बीते 8 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे ललित तिवारी की गुरुवार को धरना-प्रर्दशन के दौरान हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद धरना स्थल पर 108 को बुलवाया गया, लेकिन देरी के चलते आमरण अनशन पर बैठे छात्र ललित तिवारी को एक निजी वाहन की मदद से दून अस्पताल लाया गया. एंबुलेंस के आने में हुई देरी से नाराज आयुष छात्र-छात्राओं ने दून अस्पताल की इमरजेंसी के सामने काफी हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने देहरादून सीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पढ़ें- साध्वी प्रज्ञा पर हरदा का बयान, उनको दूर से नमस्कार कहना ही बेहतर

हालांकि सचिवालय में हुई बैठक के बाद सरकार इस मामले में बैकफुट पर दिखाई दे रही है. सरकार ने निर्णय लिया है कि 2006 के अनुसार फीस निर्धारण करने का जो आदेश हाईकोर्ट का था उसके अनुसार फीस तय की जाएगी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि सरकार को फीस निर्धारण करने का अधिकार नहीं था, इसका अधिकार फीस कमेटी को था.

देहरादून: आयुष शुल्क बढ़ोत्तरी के खिलाफ धरने पर बैठे एक छात्र ललित तिवारी की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन धरना स्थल पर 108 के समय पर न पहुंचने पर ललीत को निजी वाहन के जरिए ले जाया गया. 108 के न पहुंचने से नाराज छात्रों ने दून अस्पताल में सीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

धरने पर बैठे आयुष छात्र की तबीयत बिगड़ी.

बता दें कि, बीते 8 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे ललित तिवारी की गुरुवार को धरना-प्रर्दशन के दौरान हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद धरना स्थल पर 108 को बुलवाया गया, लेकिन देरी के चलते आमरण अनशन पर बैठे छात्र ललित तिवारी को एक निजी वाहन की मदद से दून अस्पताल लाया गया. एंबुलेंस के आने में हुई देरी से नाराज आयुष छात्र-छात्राओं ने दून अस्पताल की इमरजेंसी के सामने काफी हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने देहरादून सीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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हालांकि सचिवालय में हुई बैठक के बाद सरकार इस मामले में बैकफुट पर दिखाई दे रही है. सरकार ने निर्णय लिया है कि 2006 के अनुसार फीस निर्धारण करने का जो आदेश हाईकोर्ट का था उसके अनुसार फीस तय की जाएगी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि सरकार को फीस निर्धारण करने का अधिकार नहीं था, इसका अधिकार फीस कमेटी को था.

Intro:बीते 52 दिनों से पड़ी हुई फीस वृद्धि के खिलाफ धरना और क्रमिक अनशन कर रहे आयुष छात्रों में से 1 छात्र ललित तिवारी की आज तबीयत बिगड़ने के बाद उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन धरना स्थल पर 108 के समय पर नहीं पहुंचने के बाद ललित तिवारी को दून अस्पताल भर्ती कराने के लिए निजी वाहन पर ले जाया गया जिसके बाद नाराज छात्रों ने दून अस्पताल में जमकर सीएमओ देहरादून के खिलाफ नारेबाजी की।Body:बीते 8 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे ललित तिवारी हालत गंभीर होने के बाद धरना स्थल पर 108 एंबुलेंस को बुलवाया गया लेकिन देरी के चलते आमरण अनशन पर बैठे छात्र ललित तिवारी को एक निजी वाहन मे दून अस्पताल लाया गया। एंबुलेंस में हुई देरी से नाराज आयुष छात्र छात्राओं ने दून अस्पताल की इमरजेंसी के सामने किया भारी हंगामा किया और वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने देहरादून सीएमओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की नाराज आयुष छात्र इमरजेंसी के अंदर घुस गए और जमकर हंगामा काटा इस दौरान बमुश्किल पुलिस और डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एन एस खत्री ने नाराज छात्र छात्राओं को समझाने की कोशिश की तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ फिलहाल आमरण अनशन पर बैठे छात्र ललित तिवारी का उपचार दून अस्पताल में चल रहा है डॉक्टरों के मुताबिक फिलहाल उसकी तबीयत ठीक है।Conclusion:हालांकि सचिवालय में हुई बैठक के बाद सरकार इस मामले में बैकफुट पर दिखाई दे रही है अब सरकार ने निर्णय लिया है कि 2006 के अनुसार फीस निर्धारण करने का जो आदेश हाईकोर्ट का था उसके अनुसार फीस तय की जाएगी। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत के मुताबिक सरकार को फीस निर्धारण करने का अधिकार नहीं था बल्कि फीस कमेटी को था। उनके मुताबिक हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार पहले भी सरकार ने सभी मैनेजमेंट कॉलेजेस को निर्देश जारी किए थे, फिर सरकार सभी मेडिकल कॉलेजेस को निर्देश जारी करने जा रही है।
Last Updated : Nov 21, 2019, 11:39 PM IST
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