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लॉकडाउन की मार: चाट व्यापारियों पर गहराया आर्थिक संकट

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Published : May 6, 2020, 3:05 PM IST

Updated : May 6, 2020, 3:44 PM IST

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की मार ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन की वजह से इनका रोजगार बुरी तरीके से प्रभावित हुआ है. ऐसे में देहरादून की चाट गली के चाट व्यापारी सरकार से राहत की गुहार लगा रहे हैं.

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चाट व्यापारियों पर गहराया आर्थिक संकट

देहरादून: देशभर में कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है. तीसरे फेज में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत प्रदेश में भी विभिन्न सामानों की दुकानों को 1 दिन के अंतराल में खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. इसके बावजूद अभी भी कई ऐसे चाट व्यापारी हैं जिनका व्यापार ठप पड़ा है. वो अपने व्यापार के फिर से पटरी पर आने का इंतजार कर रहे हैं.

चाट व्यापारियों की गुहार

ईटीवी भारत के माध्यम से हम आपका ध्यान राजधानी के उन छोटे चाट व्यापारियों की ओर ले जाना चाहते हैं जो पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन खुलने के इंतजार में बेरोजगार बैठे हुए हैं. इन सभी व्यापारियों की स्थिति कुछ यह है कि जब से प्रदेश में लॉकडाउन जारी हुआ है, तब से ही यह किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. इनके पास कमाई का और कोई दूसरा जरिया नहीं है.

राजधानी देहरादून के पलटन बाजार के पास मौजूद चाट वाली गली के कुछ चाट व्यापारियों से ईटीवी भारत ने मौके पर पहुंचकर उनका हाल जाना. अपना दर्द बयां करते हुए चाट व्यापारियों का कहना था कि लॉकडाउन के बाद से ही वह बड़ी दिक्कतों के बीच अपने परिवार का किसी तरह से भरण पोषण कर रहे हैं. अब डेढ़ महीने का वक्त बीत चुका है और शहर में 200 से ज्यादा चाट व्यापारियों लिए दिन प्रतिदिन अपने परिवार का भरण पोषण करना चुनौतीपूर्ण साबित होता जा रहा है.

ये भी पढ़े: सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर, डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क बढ़ाया

ईटीवी भारत के सामने अपनी बात रखते हुए इन चाट व्यापारियों का कहना था कि कोरोना महामारी की गंभीरता को समझते हुए उन्हें इस बात का भली-भांति एहसास है कि यदि सरकार उन्हें चाट की ठेलियां लगाने की अनुमति प्रदान कर भी देती है तब भी लोग उनकी चाट का स्वाद चखने में फिलहाल ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेने वाले हैं. वह चाहते हैं कि सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था करे जिससे कि वह दोबारा अपने व्यापार को पटरी पर ला सकें. अगर संभव हो तो वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें भी होम डिलीवरी की अनुमति प्रदान करे.

गौरतलब है कि लॉकडाउन 3.0 के बीच केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शहर में विभिन्न दुकानों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. अभी भी नाई, रेड़ी, ठेली लगाने वाले छोटे व्यापारियों को लॉकडाउन में अपनी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं है. स्थिति कुछ ऐसी है कि यह लोग ना ही अपना रोजगार शुरू कर पा रहे हैं और न ही इनके पास अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरा कोई विकल्प है.

देहरादून: देशभर में कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है. तीसरे फेज में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत प्रदेश में भी विभिन्न सामानों की दुकानों को 1 दिन के अंतराल में खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. इसके बावजूद अभी भी कई ऐसे चाट व्यापारी हैं जिनका व्यापार ठप पड़ा है. वो अपने व्यापार के फिर से पटरी पर आने का इंतजार कर रहे हैं.

चाट व्यापारियों की गुहार

ईटीवी भारत के माध्यम से हम आपका ध्यान राजधानी के उन छोटे चाट व्यापारियों की ओर ले जाना चाहते हैं जो पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन खुलने के इंतजार में बेरोजगार बैठे हुए हैं. इन सभी व्यापारियों की स्थिति कुछ यह है कि जब से प्रदेश में लॉकडाउन जारी हुआ है, तब से ही यह किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. इनके पास कमाई का और कोई दूसरा जरिया नहीं है.

राजधानी देहरादून के पलटन बाजार के पास मौजूद चाट वाली गली के कुछ चाट व्यापारियों से ईटीवी भारत ने मौके पर पहुंचकर उनका हाल जाना. अपना दर्द बयां करते हुए चाट व्यापारियों का कहना था कि लॉकडाउन के बाद से ही वह बड़ी दिक्कतों के बीच अपने परिवार का किसी तरह से भरण पोषण कर रहे हैं. अब डेढ़ महीने का वक्त बीत चुका है और शहर में 200 से ज्यादा चाट व्यापारियों लिए दिन प्रतिदिन अपने परिवार का भरण पोषण करना चुनौतीपूर्ण साबित होता जा रहा है.

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ईटीवी भारत के सामने अपनी बात रखते हुए इन चाट व्यापारियों का कहना था कि कोरोना महामारी की गंभीरता को समझते हुए उन्हें इस बात का भली-भांति एहसास है कि यदि सरकार उन्हें चाट की ठेलियां लगाने की अनुमति प्रदान कर भी देती है तब भी लोग उनकी चाट का स्वाद चखने में फिलहाल ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेने वाले हैं. वह चाहते हैं कि सरकार कुछ ऐसी व्यवस्था करे जिससे कि वह दोबारा अपने व्यापार को पटरी पर ला सकें. अगर संभव हो तो वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें भी होम डिलीवरी की अनुमति प्रदान करे.

गौरतलब है कि लॉकडाउन 3.0 के बीच केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार शहर में विभिन्न दुकानों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. अभी भी नाई, रेड़ी, ठेली लगाने वाले छोटे व्यापारियों को लॉकडाउन में अपनी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं है. स्थिति कुछ ऐसी है कि यह लोग ना ही अपना रोजगार शुरू कर पा रहे हैं और न ही इनके पास अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरा कोई विकल्प है.

Last Updated : May 6, 2020, 3:44 PM IST
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