देहरादूनः उत्तराखंड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन कर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. खिलाड़ी लंबे समय से राजकीय सेवाओं में नौकरी की मांग कर रहे थे. जिस पर अब जाकर बड़ा फैसला लिया गया और विज्ञप्ति जारी कर दी गई है. वहीं, खिलाड़ियों को किन नियमों के तहत किस विभाग में किस तरह की नौकरी मिलेगी? इसके बारे में आपको बताते हैं.
दरअसल, उत्तराखंड में खिलाड़ियों को नौकरी दिए जाने से संबंधित नियम कानून को लेकर शासनादेश पहले ही लागू कर दिया गया था. अब इस पर विज्ञप्ति जारी कर दी गई है. उत्तराखंड में मेडल प्राप्त खिलाड़ी अब आगामी 1 महीने यानी 10 दिसंबर तक नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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बीते 14 सितंबर 2023 को उत्तराखंड की खेल नीति 2021 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पर सीधी भर्ती के लिए पहला शासनादेश जारी हुआ था तो वहीं से कुछ तकनीकी संशोधनों के साथ फाइनल जिओ 1 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया. जिसमें खिलाड़ियों को दिए जाने वाली नौकरियां से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए थे, जो कि इस तरह से हैं.
खिलाड़ियों के नौकरियां से संबंधित कुछ नियम
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के स्थाई और मूल निवासी खिलाड़ी को सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती दी जाएगी.
- जिस वर्ष खिलाड़ी नौकरी के लिए आवेदन कर रहा हो, यह जरूरी है कि उसने उत्तराखंड से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिनिधित्व किया हो. किसी दूसरे राज्य से नेशनल गेम्स में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए मान्य नहीं होगा.
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल होल्डर खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति से संस्तुति लेनी अनिवार्य है. इस समिति में मुख्य सचिव अध्यक्ष और खेल अपर सचिव जिस विभाग में नौकरी दी जानी है, उसके प्रमुख सचिव कार्मिक ऑर्बिट विभाग से सचिव के अलावा खेल निदेशक सदस्य होंगे.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक गेम्स या फिर पैरालंपिक गेम्स में विश्व चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में स्वर्ण पदक विजेताओं को 5400 ग्रेड पे लेवल 10 की नौकरी दिए जाने का प्रावधान है.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक गेम्स या फिर पैरा ओलंपिक गेम्स में विश्व चैंपियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में सिल्वर मेडल पाने वालों को 48 ग्रेड पे लेवल 8 की सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक गेम्स या फिर पैरा ओलंपिक गेम्स में विश्व चैंपियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में कांस्य पदक पाने वालों को 46 ग्रेड पे लेवल 7 की सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान है.
- मेडल होल्डर खिलाड़ियों को खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग, गृह विभाग (पुलिस), वन विभाग, माध्यमिक शिक्षा, परिवहन विभाग में नौकरी दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, कैनोइंग या कयाकिंग, साइकिलिंग, डाइविंग, घुड़सवारी, तलवारबाजी, फुटबॉल, गोल्फ, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, लॉन टेनिस, शूटिंग, रोइंग, सेलिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, वॉलीबॉल, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, बेसबॉल, शतरंज, क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो और मलखम यानी 32 विधाओं में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी.
- नियमावली के अनुसार खिलाड़ियों की जिस विभाग में जिस पद पर भर्ती की जाएगी, यदि खिलाड़ी की शैक्षिक अर्हताएं उस पद के योग्य नहीं है तो उसे अपनी शैक्षिक अर्हता को उसे योग्य करने के लिए 4 साल का समय दिया जाएगा.
गोल्ड मेडलिस्ट सूरज पंवार ने कही ये बातः वहीं, उत्तराखंड खेल विभाग की ओर से जारी मेडल होल्डर खिलाड़ियों के लिए सीधी भर्ती विज्ञप्ति को लेकर गोवा नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट सूरज पंवार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 से 12 सालों से लगातार इसकी मांग की जा रही थी और अब खेल विभाग ने विज्ञप्ति जारी की है तो यह उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिए बेहद खुशी की बात है.
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उन्होंने बताया कि पिछले लंबे समय से उनकी ओर से उत्तराखंड खेल विभाग से इस बात की दरखास्त की जा रही थी कि वो खिलाड़ियों के भविष्य को सुनिश्चित करें. ऐसा न होने की वजह से लगातार उत्तराखंड के खिलाड़ी पलायन कर रहे हैं. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके इसी 21 तारीख को इंडियन नेवी में फिजिकल परीक्षा होनी थी, जिसकी जानकारी उन्होंने उत्तराखंड खेल विभाग को दिए और बताया कि यदि उनकी ओर से नौकरी को लेकर कुछ नहीं व्यवस्था की जाती है तो वो अगला नेशनल गेम्स उत्तराखंड से नहीं खेल पाएंगे.
इसके बाद विभाग ने आनन फानन में विज्ञप्ति जारी की. सूरज पंवार ने बताया कि पिछले साल भी जब वो गोल्ड मेडल जीत कर आए थे तो उन्होंने खेल विभाग और सरकार से नौकरी को व्यवस्था करने की मांग रखी थी. इसके बाद भी लगातार उन्हें आश्वासन ही मिले, लेकिन इस बार विज्ञप्ति जारी हो गई है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि वो अगला नेशनल गेम्स उत्तराखंड से खेलेंगे. यदि अभी उनकी नौकरी को लेकर कुछ वस्तु स्थिति स्पष्ट होती है तो वो जनवरी महीने से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई सिलेक्शन में खेलेंगे.
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क्या बोले खेल निदेशक? वहीं, उत्तराखंड खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर का कहना है कि विभाग की ओर से खेल और खिलाड़ियों के लिए वो सब किया जा रहा है, जिससे उनका मनोबल बढ़े. उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के लिए काफी पहले से तैयारी की जा रही थी. शासन में अगल-अगल स्तर पर तमाम विचार विमर्श के बाद आखिरकार खिलाड़ियों को सीधे नौकरी देने के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है. अगले 2 महीने के भीतर खिलाड़ियों को नियुक्ति देने का लक्ष्य रखा गया है.