देहरादूनः देश में 500 करोड़ से ज्यादा के चाइनीज पावर बैंक एप साइबर क्राइम का पर्दाफाश हो चुका है. उत्तराखंड एसटीएफ मामले में जल्द ही अलग-अलग राज्यों में गिरफ्तार 7 अपराधियों को B वारंट के तहत देहरादून लाकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार 6 अपराधियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है.
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अभी तक 500 करोड़ से ज्यादा के इस पावर बैंक एप साइबर फ्रॉड मामले में देशभर में 13 साइबर अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं. सबसे पहले उत्तराखंड एसटीएफ ने 6 अपराधियों को अलग-अलग प्रांतों से गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं, बाकी 7 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. ऐसे में अब उन सभी से भी इन्वेस्टिगेशन कर आरोप पत्र (चार्जशीट) तैयार की जाएगी. ये अपराधी बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में गिरफ्तार से हुए हैं.
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उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में यह बात भी सामने आई है कि 15 दिनों में धन दोगुना करने का लालच दिया जाता था. इस 'पावर बैंक एप' घोटाले के तार चाइना के लोगों से जुड़े हैं. एसटीएफ के हत्थे चढ़े 6 अपराधियों की मानें तो साइबर फ्रॉड में अधिकांश धनराशि क्रिप्टोकरंसी के रूप में चाइना भेजी जाती थी. ऐसा पहली बार हुआ है, जब देश में साइबर अपराध के खिलाफ उत्तराखंड एसटीएफ की ओर से पर्याप्त सबूत के साथ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई.
सबसे पहले इन्होंने दर्ज कराया था मामलाः बता दें कि उत्तराखंड एसटीएफ के समक्ष पहली बार मई 2021 में चाइना से संचालित होने वाले 'पावर बैंक एप' फ्रॉड की शिकायत हरिद्वार निवासी रोहित कुमार और राहुल कुमार गोयल ने साइबर थाने में दी थी. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, उन्हें 15 दिनों में धन दोगुना होने का लालच दिया गया. जिसके तहत उनसे 1.63 लाख रुपए की ठगी की गई.
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धनराशि दोगुना करने के एवज में लालच में आए लोगः एसटीएफ की जांच-पड़ताल में जानकारी सामने आई कि शुरूआती समय में इस एप से जुड़े लोगों को 15 दिनों में धनराशि दोगुना करने के एवज में पैसे जरूर दिए गए, लेकिन जब देशभर से कई सौ करोड़ रुपए इस पावर बैंक में जमा हुए तो एप को बंद कर 509 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया गया. ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ की ओर से 8 जून को पहली गिरफ्तारी बेंगलुरु से की गई.
देशभर में 20 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered accountant) भी रडार परः देशभर के 20 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट भी इस घोटाले में शामिल हैं. उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, अभी तक की जांच पड़ताल में चाइना से संचालित होने वाले इस 500 करोड़ से अधिक के फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड मामले में देश के अलग-अलग शहरों से लगभग 20 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट की संलिप्तता भी सामने आई है. कई आरोपियों की ओर से फर्जी कंपनी खोलकर इस अपराध को अंजाम दिया गया. एसटीएफ ने इन्वेस्टिगेशन में आए लोगों की सूची भारत सरकार और केंद्रीय साइबर क्राइम सेंटर को कार्रवाई के लिए भेजी है.
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3 महीने में B वारंट की कार्रवाई हो सकती पूरीः उत्तराखंड साइबर क्राइम डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई में गिरफ्तार अपराधी, जो जेल और नोटिस पर बाहर घूम रहे हैं. उनको अगले 3 महीनों के दरमियान बारी-बारी से वारंट पर देहरादून लाया जाएगा और उनसे देशव्यापी फाइनेंशल साइबर फ्रॉड मामले में आगे की पूछताछ कर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल की जाएगी.
B वारंट की प्रक्रिया शुरूः बता दें कि सबसे पहले उत्तराखंड एसटीएफ की ओर से ही चीन के पावर बैंक एप घोटालें से जुड़े मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से प्रकाश बैरागी, पवन कुमार पांडे, रजनी कोहली, गोकुलवंदन, मुरुगांदनम और राम उजागर को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया. साथ ही उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन में पैसा भेजने समेत तथ्यों के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है.
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