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जल्द जारी हो सकते हैं जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण, जुड़वां बच्चों पर भी स्थिति साफ

पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वां बच्चों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जिस वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने जुड़वां बच्चों की स्तिथि स्पष्ट करने के लिए शासन से परामर्श मांगा था.

पंचायत चुनाव
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Published : Sep 28, 2019, 12:10 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 3:02 PM IST

देहरादून: हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के बाकी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की तैयारियां शासन स्तर पर तेज हो गयी हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शासन ने पंचायती राज विभाग से आरक्षण प्रस्ताव मांगा है. उम्मीद है कि जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

गौर हो कि प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. हालांकि, प्रदेश में तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही तय कर दिए गए थे.

जुड़वां बच्चे के असमंजस की स्तिथि स्पष्ट
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त में जुड़वां बच्चों के असमंजस की स्तिथि पर शासन ने पूर्ण विराम लगा दिया है, यानी अब जुड़वां संतान को एक माना जाएगा. शासन द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के सामने जुड़वां बच्चों की स्थिति स्पष्ट करने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

पढ़ें- पंचायत चुनाव में मतदान के दिन रहेगी छुट्टी, जारी हुई अधिसूचना

बता दे कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वां संतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. इस वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने जुड़वां बच्चों की स्तिथि स्पष्ट करने के लिए शासन से परामर्श मांगा था. जिस पर शासन ने स्पष्ट किया कि जुड़वां बच्चों को एक ही माना जाएगा. ऐसे में अब जुड़वां संतान वालों को चुनाव लड़ने में राहत मिली है.

देहरादून: हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के बाकी 12 जिलों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की तैयारियां शासन स्तर पर तेज हो गयी हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शासन ने पंचायती राज विभाग से आरक्षण प्रस्ताव मांगा है. उम्मीद है कि जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

गौर हो कि प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं. हालांकि, प्रदेश में तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही तय कर दिए गए थे.

जुड़वां बच्चे के असमंजस की स्तिथि स्पष्ट
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त में जुड़वां बच्चों के असमंजस की स्तिथि पर शासन ने पूर्ण विराम लगा दिया है, यानी अब जुड़वां संतान को एक माना जाएगा. शासन द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के सामने जुड़वां बच्चों की स्थिति स्पष्ट करने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

पढ़ें- पंचायत चुनाव में मतदान के दिन रहेगी छुट्टी, जारी हुई अधिसूचना

बता दे कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वां संतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. इस वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने जुड़वां बच्चों की स्तिथि स्पष्ट करने के लिए शासन से परामर्श मांगा था. जिस पर शासन ने स्पष्ट किया कि जुड़वां बच्चों को एक ही माना जाएगा. ऐसे में अब जुड़वां संतान वालों को चुनाव लड़ने में राहत मिली है.

Intro:हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलो हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की तैयारियां शासन स्तर पर तेज हो गयी है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शासन ने पंचायती राज विभाग से आरक्षण प्रस्ताव मांगा है। लिहाजा उम्मीद है कि जल्द ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की भी स्तिथि स्पष्ट हो जाएगी। 


Body:गौर हो कि प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। हालांकि प्रदेश में तीन चरणों मे होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण, चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही तय कर दी गयी थी।


जुड़वा बच्चे के असमंजस की स्तिथि स्पष्ट.....

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त में जुड़वां बच्चों के असमंजस की स्तिथि पर शासन ने पूर्ण विराम लगा दिया है। यानी अब जुड़वा संतान को एक माना जाएगा। शासन द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के सामने जुडवा बच्चों की स्थिति स्पष्ट करने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आपको बता दे कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त पर जुड़वा संतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। जिस वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने जुड़वा बच्चों की स्तिथि स्पष्ट करने के लिए शासन से परामर्श मांगा था। जिस पर शासन ने स्पष्ट किया कि जुड़वा बच्चों को एक ही माना जाएगा। ऐसे में अब जुड़वा संतान वालों को चुनाव लड़ने में राहत मिली है। 





Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 3:02 PM IST
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