देहरादून: चारधाम यात्रा का आगाज 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही हो जाएगा. जिसके लिए शासन-प्रशासन मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियां तेज गति से चल रही हैं. पिछले साल करीब 50 लाख लोगों ने दर्शन किए थे, इस बार अब तक 2 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. हमें उम्मीद है कि इस बार यात्रियों की संख्या पिछले वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ेगी.
वहीं दूसरी ओर होटल एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी आज यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पर्यटन सचिव से मुलाकात करने जा रहे हैं. एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को 2022 में संचालित की गई चारधाम यात्रा में हुई अव्यवस्थाओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया जाएगा.
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यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन सिंह राणा का कहना है कि 2022 में श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण और धामों में दर्शन करने के लिए सीमित संख्या में अनिवार्यता के कारण बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रा को बगैर दर्शन किए वापस लौटना पड़ा था. जोकि संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि इस बार 2030 में संचालित होने जा रही चारधाम यात्रा में इसकी पुनरावृत्ति ना हो, उसको लेकर कुछ बिंदुओं को मुख्यमंत्री और पर्यटन सचिव के समक्ष प्रमुखता से उठाया जाएगा.
एसोसिएशन की प्रमुख मांग: एसोसिएशन चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के व्यवस्थाएं समाप्त करने की मांग करेगा. साथ ही यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता को भी हटाने की मांग करेगा. इसके अलावा यात्रा में आने वाले उत्तराखंड के मूल निवासियों को दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग को प्रमुखता से उठाया जाएगा. यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बदरीनाथ, केदारनाथ में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्थाओं को 21 फरवरी को शुरू कर दिया गया है. लेकिन गंगोत्री और यमुनोत्री में क्यों नहीं? जिससे इन दो धामों में आने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए यहां भी ऑनलाइन पंजीकरण शीघ्र ही शुरू करने की मांग की जाएगी. चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को चिकित्सकीय सुविधाएं, पुलिस प्रशासन, यातायात की सुविधा और राष्ट्रीय राजमार्ग पर विशेष ध्यान देने की मांग उठाई जाएगी.