देहरादून: जिस पर्यटन के सहारे प्रदेश में लाखों लोगों के घर चलते थे बीते दो महीने के वो पूरी तरह से ठप पड़ा है. कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से पर्यटक उत्तराखंड नहीं आ रहे हैं. पर्यटन को दोबारा से पटरी पर लाने की तैयारी चल रही है, ताकि काफी हद तक लोगों को रोजगार मिल सके और प्रदेश में अर्थव्यवस्था को भी थोड़ी गति मिले.
पर्यटन व्यवसाय को फिर शुरू करने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार गाइड लाइन जारी करने वाली है. गाइड लाइन जारी करने के लिए देश के दो राज्यों उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के पर्यटन सचिवों को प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया गया है. गाइड लाइन जारी होने के बाद पर्यटन व्यवसाय पूर्ण रूप से खुल जाएगा.
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उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि पर्यटन व्यवसाय अभी इसलिए नहीं खोला जा सका है क्योंकि अभी मंदिरों में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए अनुमति नहीं मिली है. यही वजह है कि चारधाम यात्रा भी ठप है. इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट को भी खोलने की अनुमति नहीं मिली है. हालांकि जल्द ही केंद्र सरकार पर्यटन व्यवसाय को शुरू करने के लिए कुछ गाइड लाइन जारी करने वाली है जिसके बाद प्रदेश के भीतर पर्यटन व्यवसाय पूर्ण रूप से खुल जाएगा.
आईआईएम काशीपुर कर रहा है नुकसान का आकलन
प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों को उठाना पड़ा है. इसे देखते हुए शासन संबंधित स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर रहा है. लॉकडाउन में उत्तराखंड पर्यटन को कितना नुकसान हुआ इसका आकलन करने के लिए आईआईएम काशीपुर को अधिकृत किया गया है. आईआईएम काशीपुर ने काम करना शुरू भी कर दिया है.
यूएनडीपी दो महीने में सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
यही नहीं चारधाम यात्रा शुरू नहीं होने की वजह से प्रदेश को कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) कर रही है. संस्था दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक वर्तमान समय में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि पर्यटन को फिर से पटरी पर लाया जा सके. इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है.