देहरादूनः उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर राज्य सरकार ने स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. ऐसे में स्थानीय लोगों को 50 फीसदी रोजगार देने पर अब बाहरी राज्यों के स्टार्टअप को भी प्रदेश सरकार से मिलने वाली वित्तीय प्रोत्साहन राशि का लाभ मिलेगा. जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.
वहीं, इस संसोधन के तहत स्टार्टअप के लिए टर्नओवर की सीमा को 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया गया है. दरअसल, राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. जिसके तहत राज्य स्टार्ट-अप काउंसिल में पंजीकरण कराना होगा.
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वहीं, केंद्र से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन लाभ मिल पाएगा. उधर, नीति में संशोधन के बाद अब सौ करोड़ सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी को ही स्टार्टअप माना जाएगा. स्टार्टअप नीति में वित्तीय प्रोत्साहन के तहत राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ए श्रेणी के जिलों में स्थापित करने को लेकर मासिक भत्ता दिया जाता है. जिसमें सामान्य वर्ग को 10 हज़ार, एससी/एटी, महिला और दिव्यांग वर्ग के लोगों को 15 हजार मासिक भत्ता दिया जाता है.
इतना ही नहीं एमएसएमई नीति के अनुसार स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी. साथ ही नए उत्पादन की मार्केटिंग को लेकर सामान्य वर्ग के स्टार्टअप को 5 लाख एससी एसटी व महिला वर्ग को साढ़े सात लाख तक की सहायता दी जाएगी.