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सरकार ने STARTUP नीति में किया संशोधन, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

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Published : Nov 13, 2019, 10:14 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 10:22 PM IST

राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. जिसके तहत राज्य स्टार्ट-अप काउंसिल में पंजीकरण कराना होगा.

सरकार ने स्टार्टअप नीति में किया संसोधन

देहरादूनः उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर राज्य सरकार ने स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. ऐसे में स्थानीय लोगों को 50 फीसदी रोजगार देने पर अब बाहरी राज्यों के स्टार्टअप को भी प्रदेश सरकार से मिलने वाली वित्तीय प्रोत्साहन राशि का लाभ मिलेगा. जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.

वहीं, इस संसोधन के तहत स्टार्टअप के लिए टर्नओवर की सीमा को 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया गया है. दरअसल, राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. जिसके तहत राज्य स्टार्ट-अप काउंसिल में पंजीकरण कराना होगा.

सरकार ने स्टार्टअप नीति में किया संसोधन.

ये भी पढ़ेंःबदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 17 नवंबर को होंगे बंद, आज होगी गणेश जी की पूजा

वहीं, केंद्र से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन लाभ मिल पाएगा. उधर, नीति में संशोधन के बाद अब सौ करोड़ सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी को ही स्टार्टअप माना जाएगा. स्टार्टअप नीति में वित्तीय प्रोत्साहन के तहत राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ए श्रेणी के जिलों में स्थापित करने को लेकर मासिक भत्ता दिया जाता है. जिसमें सामान्य वर्ग को 10 हज़ार, एससी/एटी, महिला और दिव्यांग वर्ग के लोगों को 15 हजार मासिक भत्ता दिया जाता है.

इतना ही नहीं एमएसएमई नीति के अनुसार स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी. साथ ही नए उत्पादन की मार्केटिंग को लेकर सामान्य वर्ग के स्टार्टअप को 5 लाख एससी एसटी व महिला वर्ग को साढ़े सात लाख तक की सहायता दी जाएगी.

देहरादूनः उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर राज्य सरकार ने स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. ऐसे में स्थानीय लोगों को 50 फीसदी रोजगार देने पर अब बाहरी राज्यों के स्टार्टअप को भी प्रदेश सरकार से मिलने वाली वित्तीय प्रोत्साहन राशि का लाभ मिलेगा. जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.

वहीं, इस संसोधन के तहत स्टार्टअप के लिए टर्नओवर की सीमा को 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया गया है. दरअसल, राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है. जिसके तहत राज्य स्टार्ट-अप काउंसिल में पंजीकरण कराना होगा.

सरकार ने स्टार्टअप नीति में किया संसोधन.

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वहीं, केंद्र से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन लाभ मिल पाएगा. उधर, नीति में संशोधन के बाद अब सौ करोड़ सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी को ही स्टार्टअप माना जाएगा. स्टार्टअप नीति में वित्तीय प्रोत्साहन के तहत राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ए श्रेणी के जिलों में स्थापित करने को लेकर मासिक भत्ता दिया जाता है. जिसमें सामान्य वर्ग को 10 हज़ार, एससी/एटी, महिला और दिव्यांग वर्ग के लोगों को 15 हजार मासिक भत्ता दिया जाता है.

इतना ही नहीं एमएसएमई नीति के अनुसार स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी. साथ ही नए उत्पादन की मार्केटिंग को लेकर सामान्य वर्ग के स्टार्टअप को 5 लाख एससी एसटी व महिला वर्ग को साढ़े सात लाख तक की सहायता दी जाएगी.

Intro:नोट - फीड live u से cabinate briffing के नाम से लाइव काटी गई है।

उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खोलने को लेकर उत्तराखंड राज्य सरकार ने स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है इसके उत्तराखंड राज्य के  स्थानीय लोगों को 50 फ़ीसदी रोजगार देने पर अब बाहरी राज्यों के स्टार्टअप को भी प्रदेश सरकार से मिलने वाली वित्तीय प्रोत्साहन राशि का लाभ मिलेगा। इस पर उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही स्टार्ट अप के लिए टर्नओवर की सीमा को 25 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया गया है। 


Body:राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर स्टार्टअप नीति में संशोधन किया है जिसमे तहत राज्य स्टार्टअप काउंसिल में पंजीकरण कराना होगा। और केंद्र से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन लाभ मिल पाएगा। यही नीति में संशोधन के बाद अब सौ करोड़ सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी को ही स्टार्टअप माना जाएगा।


स्टार्टअप नीति में वित्तीय प्रोत्साहन के तहत राज्य सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को ए श्रेणी के जिलों में स्थापित करने को लेकर मासिक भत्ता दिया जाता है जिसमें सामान्य वर्ग को 10 हज़ार, sc-st, महिला और दिव्यांग वर्ग के लोगों को 15 हज़ार मासिक भत्ता दिया जाता है। यही नहीं एमएसएमआई नीति के अनुसार स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी। इसके साथ ही नए उत्पादन की मार्केटिंग को लेकर सामान्य वर्ग के स्टार्टअप को 5 लाख एससी एसटी व महिला वर्ग को साढ़े सात लाख तक की सहायता की जाएगी।





Conclusion:
Last Updated : Nov 13, 2019, 10:22 PM IST
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