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परिवहन निगम को 24 महीने में राज्य सरकार ने दिए ₹ 245 करोड़, जानिए वजह?

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Published : Jul 19, 2021, 6:12 PM IST

उत्तराखंड परिवहन निगम 500 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में चल रहा है. इसके कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है. हालात ये हैं कि राज्य सरकार पिछले 24 महीने में परिवहन निगम को करीब 245 करोड़ रुपये दे चुकी है. आखिर इसकी क्या वजह है आइये जानते हैं.

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घाटे में परिवहन निगम

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में डूबता जा रहा है. आलम यह है कि निगम कर्मचारियों को अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक का वेतन देने के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहना पड़ा है. कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार, जुलाई 2019 से कई मदों के तहत 209.356 करोड़ रुपये, निगम को उपलब्ध करा चुकी है. जिसके जरिये रोडवेज कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया गया. जुलाई 2019 से निगम को प्रदेश में संचालित हो रही तमाम योजनाओं की मद से कितना बजट दिया गया, साथ ही पर्वतीय मार्गो पर संचालन से उत्पन्न घाटे के लिए कितना बजट दिया गया है? देखिये ETV भारत की खास रिपोर्ट.

कोरोना महामारी के बाद हर वर्ग, हर तबके पर आर्थिक संकट गहराया है. उत्तराखंड परिवहन निगम भी इससे अछूता नहीं रहा है. जहां एक ओर पहले ही परिवहन निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा था तो वहीं, कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिवहन निगम की कमर ही टूट गई है. इसकी मुख्य वजह अप्रैल 2020 से बसों का संचालन ठप होना रहा है.

पढ़ें- रोडवेज कर्मियों के लिए CM ने जारी किए 34 करोड़, पांच महीने से नहीं मिला है वेतन

परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए भी पैसे नहीं हैं. जिसके लिए निगम को पिछले कई महीनों से राज्य सरकार का मुंह ताकना पड़ा है. जिसके तहत जुलाई 2019 से अभी तक राज्य सरकार परिवहन निगम को 209.356 करोड़ रुपये उपलब्ध करा चुकी है. बीते दिन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 34 करोड़ रुपये की धनराशि और स्वीकृति की गई है. जिसके माध्यम से कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल महीने का वेतन दिया जाएगा. इसके बाद भी कर्मचारियों को 2 महीने (मई और जून 2021) का वेतन दिया जाना बाकी रहेगा.

देखें वीडियो- परिवहन निगम को 18 साल में 520 करोड़ का घाटा, जानें वजह

उत्तराखंड परिवहन निगम को बजट की आवश्यकता पड़ने पर उत्तराखंड सरकार द्वारा समय-समय पर परिवहन निगम को पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से पैसा दिया जाता रहा है. इसी क्रम में जुलाई 2019 से जून 2021 तक पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से 172.34 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर संचालित योजनाओं की मद से करीब 37.017 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. जिसके माध्यम से निगम ने कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया है.

पढ़ें- करोड़ों के घाटे में परिवहन निगम, बसों के बाद अब स्क्रैप नीलामी की तैयारी

परिवहन निगम के एमडी अभिषेक रुहेला ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बाद अप्रैल 2020 से निगम के घाटे में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. जिसकी वजह से परिवहन निगम की देनदारियों में भी काफी इजाफा हुआ है. साथ ही उन्होंने बताया कि जुलाई 2019 से विभिन्न मदों के माध्यम से जो पैसा राज्य सरकार से प्राप्त हुआ है, उन पैसों से कर्मचारियों को वेतन दिया गया है. ऐसे में परिवहन निगम की प्राथमिकता है कि सबसे पहले अपनी देनदारियों को कम करे.

पढ़ें- परिवहन निगम को 18 साल में 520 करोड़ का घाटा, जानें वजह

आइये आपको बताते हैं कि किन-किन मदों से निगम को पैसे मिले हैं. पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि की मद से सरकार ने निगम को 172.34 करोड़ रुपये दिए हैं. प्रवासियों को निगम बसों में लाने और छोड़ने की मद से सरकार ने निगम को 20 करोड़ 38 लाख रुपये दिये. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उनके सहवर्ती को निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 13 लाख 02 हजार रुपये दिये. दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 2.75 करोड़ रुपये दिये.

पढ़ें- Ground Report: उत्तरकाशी में बादल फटने से तीन की मौत, मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका

वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 10 करोड़ 40 लाख रुपये दिये. छात्राओं को निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए, बसों के कर्ज पर प्राप्त ब्याज की मद से सरकार ने 1 करोड़ 30 लाख रुपये, रक्षाबंधन त्योहार पर निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 9,64,696 रुपये, पत्रकारों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 14,65,532 रुपये, उत्तराखंड आंदोलनकारी को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 39,75,497 रुपये निगम को उपलब्ध करवाये हैं.

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में डूबता जा रहा है. आलम यह है कि निगम कर्मचारियों को अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक का वेतन देने के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहना पड़ा है. कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार, जुलाई 2019 से कई मदों के तहत 209.356 करोड़ रुपये, निगम को उपलब्ध करा चुकी है. जिसके जरिये रोडवेज कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया गया. जुलाई 2019 से निगम को प्रदेश में संचालित हो रही तमाम योजनाओं की मद से कितना बजट दिया गया, साथ ही पर्वतीय मार्गो पर संचालन से उत्पन्न घाटे के लिए कितना बजट दिया गया है? देखिये ETV भारत की खास रिपोर्ट.

कोरोना महामारी के बाद हर वर्ग, हर तबके पर आर्थिक संकट गहराया है. उत्तराखंड परिवहन निगम भी इससे अछूता नहीं रहा है. जहां एक ओर पहले ही परिवहन निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा था तो वहीं, कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिवहन निगम की कमर ही टूट गई है. इसकी मुख्य वजह अप्रैल 2020 से बसों का संचालन ठप होना रहा है.

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परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए भी पैसे नहीं हैं. जिसके लिए निगम को पिछले कई महीनों से राज्य सरकार का मुंह ताकना पड़ा है. जिसके तहत जुलाई 2019 से अभी तक राज्य सरकार परिवहन निगम को 209.356 करोड़ रुपये उपलब्ध करा चुकी है. बीते दिन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 34 करोड़ रुपये की धनराशि और स्वीकृति की गई है. जिसके माध्यम से कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल महीने का वेतन दिया जाएगा. इसके बाद भी कर्मचारियों को 2 महीने (मई और जून 2021) का वेतन दिया जाना बाकी रहेगा.

देखें वीडियो- परिवहन निगम को 18 साल में 520 करोड़ का घाटा, जानें वजह

उत्तराखंड परिवहन निगम को बजट की आवश्यकता पड़ने पर उत्तराखंड सरकार द्वारा समय-समय पर परिवहन निगम को पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से पैसा दिया जाता रहा है. इसी क्रम में जुलाई 2019 से जून 2021 तक पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि के मद से 172.34 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर संचालित योजनाओं की मद से करीब 37.017 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. जिसके माध्यम से निगम ने कर्मचारियों को 11 महीने का वेतन दिया है.

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परिवहन निगम के एमडी अभिषेक रुहेला ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बाद अप्रैल 2020 से निगम के घाटे में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. जिसकी वजह से परिवहन निगम की देनदारियों में भी काफी इजाफा हुआ है. साथ ही उन्होंने बताया कि जुलाई 2019 से विभिन्न मदों के माध्यम से जो पैसा राज्य सरकार से प्राप्त हुआ है, उन पैसों से कर्मचारियों को वेतन दिया गया है. ऐसे में परिवहन निगम की प्राथमिकता है कि सबसे पहले अपनी देनदारियों को कम करे.

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आइये आपको बताते हैं कि किन-किन मदों से निगम को पैसे मिले हैं. पर्वतीय मार्गों पर संचालन से होने वाली हानि की मद से सरकार ने निगम को 172.34 करोड़ रुपये दिए हैं. प्रवासियों को निगम बसों में लाने और छोड़ने की मद से सरकार ने निगम को 20 करोड़ 38 लाख रुपये दिये. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उनके सहवर्ती को निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 13 लाख 02 हजार रुपये दिये. दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 2.75 करोड़ रुपये दिये.

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वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने निगम को 10 करोड़ 40 लाख रुपये दिये. छात्राओं को निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए, बसों के कर्ज पर प्राप्त ब्याज की मद से सरकार ने 1 करोड़ 30 लाख रुपये, रक्षाबंधन त्योहार पर निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 9,64,696 रुपये, पत्रकारों को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 14,65,532 रुपये, उत्तराखंड आंदोलनकारी को कराई गई निशुल्क यात्रा की मद से सरकार ने 39,75,497 रुपये निगम को उपलब्ध करवाये हैं.

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