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Chardham Yatra 2023: यात्रा रूट पर हादसे रोकने के लिए स्पीड लिमिट होगी तय

विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा 4 अप्रैल से शुरू हो रही है. संभावित रोड एक्सीडेंट की घटनाओं को कम करने के लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग अब चारधाम यात्रा रूट पर वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने जा रहा है.

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Published : Feb 16, 2023, 5:05 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा 4 अप्रैल से शुरू हो रही है. यात्रियों की भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग अब यात्रा रूट पर वाहनों की स्पीड को तय करने जा रहा है. दरअसल, उत्तराखंड पर्यटन के लिए लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि हर साल देश के तमाम हिस्सों से लाखों की संख्या में सैलानी उत्तराखंड की और रुख करते हैं. जिसके चलते प्रदेश की सड़को पर वाहनों का न सिर्फ दबाव बढ़ता है, बल्कि सड़क दुर्घटनाएं भी काफी अधिक होती है.

जिसे देखते हुए उत्तराखंड परिवहन विभाग वाहनों की स्पीड लिमिट्स को तय करने जा रही है. इसके लिए परिवहन विभाग में कसरत शुरू कर दी है. हालांकि, परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही स्पीड लिमिट तय करने का लक्ष्य रखा है. संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि स्पीड लिमिट का निर्धारण दो स्तरों पर लिया जाता है. पहला भारत सरकार के स्तर से एक्सप्रेस-वे से लेकर नेशनल हाईवे और छोटी सड़कों के लिए स्पीड लिमिट निर्धारित की जाती है, जोकि निर्धारित है. दूसरा राज्य सरकार के स्तर से प्रदेश की परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है.

ये भी पढ़ें: Chardham Yatra 2023: इस साल खास रहेगी चारधाम यात्रा, ये होंगी विशेष व्यवस्थाएं

जिसके तहत अगर कोई नेशनल हाईवे कस्बों से होकर गुजरती है तो वहां की स्पीड लिमिट कम किया जाता है. इसी तरह अगर राष्ट्रीय राजमार्ग है, लेकिन पर्वतीय मार्ग है और घुमावदार सड़कें, विजिबिलिटी काम है या फिर रिस्की मार्ग है तो उनकी स्पीड लिमिट कम करनी पड़ती है. हालांकि, इसके लिए जो अथॉरिटी, एआरटीओ या परवर्तन अधिकारी हैं, उनको सर्वे करने के लिए कहा गया था. इसी क्रम में वर्तमान समय में सर्वे का काम चल रहा है, जिसके तहत जो पर्वतीय मार्ग हैं उनका चारधाम की यात्रा पर फोकस करते हुए सर्वे कराया जा रहा है.

इस सर्व से विभाग को जानकारी रहेगी कि दुर्घटना संभावित रास्ते या मोड कहां हैं, संकरी सड़क और तेज शॉर्प कट कहां हैं. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इसकी रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही स्पीड लिमिट का प्रस्ताव भी तैयार करें. लिहाजा, संभागीय स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर संभागीय प्राधिकरण की स्तर के बैठक में रखेंगे. जिससे बाद आरटीओ फाइनल रिपोर्ट तैयार कर परिवहन विभाग को भेजेगा, उसके बाद विभाग स्तर पर इसे नोटिफाइड किया जाएगा. इस काम को चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यह काम पूरा कर लिया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध चारधाम यात्रा 4 अप्रैल से शुरू हो रही है. यात्रियों की भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग अब यात्रा रूट पर वाहनों की स्पीड को तय करने जा रहा है. दरअसल, उत्तराखंड पर्यटन के लिए लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि हर साल देश के तमाम हिस्सों से लाखों की संख्या में सैलानी उत्तराखंड की और रुख करते हैं. जिसके चलते प्रदेश की सड़को पर वाहनों का न सिर्फ दबाव बढ़ता है, बल्कि सड़क दुर्घटनाएं भी काफी अधिक होती है.

जिसे देखते हुए उत्तराखंड परिवहन विभाग वाहनों की स्पीड लिमिट्स को तय करने जा रही है. इसके लिए परिवहन विभाग में कसरत शुरू कर दी है. हालांकि, परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही स्पीड लिमिट तय करने का लक्ष्य रखा है. संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि स्पीड लिमिट का निर्धारण दो स्तरों पर लिया जाता है. पहला भारत सरकार के स्तर से एक्सप्रेस-वे से लेकर नेशनल हाईवे और छोटी सड़कों के लिए स्पीड लिमिट निर्धारित की जाती है, जोकि निर्धारित है. दूसरा राज्य सरकार के स्तर से प्रदेश की परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है.

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जिसके तहत अगर कोई नेशनल हाईवे कस्बों से होकर गुजरती है तो वहां की स्पीड लिमिट कम किया जाता है. इसी तरह अगर राष्ट्रीय राजमार्ग है, लेकिन पर्वतीय मार्ग है और घुमावदार सड़कें, विजिबिलिटी काम है या फिर रिस्की मार्ग है तो उनकी स्पीड लिमिट कम करनी पड़ती है. हालांकि, इसके लिए जो अथॉरिटी, एआरटीओ या परवर्तन अधिकारी हैं, उनको सर्वे करने के लिए कहा गया था. इसी क्रम में वर्तमान समय में सर्वे का काम चल रहा है, जिसके तहत जो पर्वतीय मार्ग हैं उनका चारधाम की यात्रा पर फोकस करते हुए सर्वे कराया जा रहा है.

इस सर्व से विभाग को जानकारी रहेगी कि दुर्घटना संभावित रास्ते या मोड कहां हैं, संकरी सड़क और तेज शॉर्प कट कहां हैं. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इसकी रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही स्पीड लिमिट का प्रस्ताव भी तैयार करें. लिहाजा, संभागीय स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर संभागीय प्राधिकरण की स्तर के बैठक में रखेंगे. जिससे बाद आरटीओ फाइनल रिपोर्ट तैयार कर परिवहन विभाग को भेजेगा, उसके बाद विभाग स्तर पर इसे नोटिफाइड किया जाएगा. इस काम को चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यह काम पूरा कर लिया जाएगा.

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