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'यू कोट वी पे' फार्मूले के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात किए जाएंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स

प्रदेश में अभी भी करीब 50 फीसदी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में डॉक्टरों कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग 'यू कोट वी पे' फार्मूले को अपना रहा है. जिसके तहत डॉक्टरों को अतिरिक्त वेतन का भुगतान किया जाएगा.

lack of specialist doctors in uttarakhand
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Published : Nov 15, 2022, 7:38 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 9:07 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को कमी से जूझ रहा है. आलम यह है कि सुगम क्षेत्रों में तैनाती के लिए डॉक्टर्स तो हामी भर रहे हैं लेकिन प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में जाने को डॉक्टर्स तैयार नहीं हैं. जिसे देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 'यू कोट वी पे' (you quote we pay) फार्मूले के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों को तैनात करने की कवायद में जुट गया है. ऐसे में ना सिर्फ डॉक्टरों की कमी पूरी होगी बल्कि, दूरस्थ क्षेत्रों में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

दरअसल, वर्तमान में प्रदेश में अभी भी करीब 50 फीसदी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में डॉक्टरों कमी कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग 'यू कोट वी पे' फार्मूले को अपना रहा है. मुख्य रूप से प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर्स पर्याप्त संख्या में तैनात है. साथ ही एनएचएम के तहत भी सर्विलांस सेंटर और एनसीडी सेंटर पर एमबीबीएस डॉक्टर्स तैनात किये जाते हैं. इसके अतरिक्त बॉन्ड के माध्यम से भी एमबीबीएस डॉक्टर्स की कमी को दूर किया जाता है.

उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को मिलेंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स.

पढ़ें- दूध की चौकीदारी में 'बिल्ला' लगा हो तो बचेगा कैसे? सहकारिता भर्ती घोटाले पर गोदियाल का हमला

वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि बॉन्ड के माध्यम से ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. इसके लिए विभाग 'यू कोट वी पे' फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रखा जाना है. जिसके तहत एक हायर पे बैंड निर्धारित किया जा रहा है. जोकि मौजूदा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पे से करीब दोगुना होगा. लिहाजा, जो डॉक्टर सहमति जताएंगे, उसको तय रेट के हिसाब से पे किया जायेगा, जिससे पहाड़ जाने वाले डॉक्टर्स को प्रोत्साहन मिलेगा.

प्रदेश के सभी ब्लाकों में स्थापित होंगे ब्लॉक पब्लिक हैल्थ यूनिट: इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज व प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के कार्य में तेजी लाए जाने को लेकर मंगलवार को सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गई. बैठक में इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज व प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के कार्यों मे तेजी लाने और जल्द पूर्ण करने को लेकर संबंधित विभागों, अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक ली गई.

बैठक में ईसीआरपी के तहत निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक की समीक्षा की गई. जिसमें 07 प्रस्तावों में से 05 के आंगणन पर विभागीय कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं शेष 02 जनपदों की डीपीआर ना आने पर प्रभारी सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त कर कार्यदायी संस्था को जल्द ही शासन को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिए गए. समीक्षा बैठक में राज्य में ईसीआरपी के अन्तर्गत चिन्हित अस्पतालों में आईसीयू बेड जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गये.

इस बैठक में राज्य के 45 अस्पतालों में से 37 में मेडिकल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन व 08 में शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी ब्लाकों में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में लैब एवं हेल्थ मॉनिटरिंग की यूनिट स्थापित की जाएगी. प्रधानमंत्री अटल आयुषमान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन 2020-26 तक चलाई जाएगी, जिसके अंतर्गत अनुमोदित सीसीबी ब्लॉक की डीपीआर भी शासन को अनुमोदित कर दी गई है.

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को कमी से जूझ रहा है. आलम यह है कि सुगम क्षेत्रों में तैनाती के लिए डॉक्टर्स तो हामी भर रहे हैं लेकिन प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में जाने को डॉक्टर्स तैयार नहीं हैं. जिसे देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 'यू कोट वी पे' (you quote we pay) फार्मूले के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों को तैनात करने की कवायद में जुट गया है. ऐसे में ना सिर्फ डॉक्टरों की कमी पूरी होगी बल्कि, दूरस्थ क्षेत्रों में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

दरअसल, वर्तमान में प्रदेश में अभी भी करीब 50 फीसदी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है. ऐसे में डॉक्टरों कमी कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग 'यू कोट वी पे' फार्मूले को अपना रहा है. मुख्य रूप से प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर्स पर्याप्त संख्या में तैनात है. साथ ही एनएचएम के तहत भी सर्विलांस सेंटर और एनसीडी सेंटर पर एमबीबीएस डॉक्टर्स तैनात किये जाते हैं. इसके अतरिक्त बॉन्ड के माध्यम से भी एमबीबीएस डॉक्टर्स की कमी को दूर किया जाता है.

उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को मिलेंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स.

पढ़ें- दूध की चौकीदारी में 'बिल्ला' लगा हो तो बचेगा कैसे? सहकारिता भर्ती घोटाले पर गोदियाल का हमला

वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि बॉन्ड के माध्यम से ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. इसके लिए विभाग 'यू कोट वी पे' फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को रखा जाना है. जिसके तहत एक हायर पे बैंड निर्धारित किया जा रहा है. जोकि मौजूदा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पे से करीब दोगुना होगा. लिहाजा, जो डॉक्टर सहमति जताएंगे, उसको तय रेट के हिसाब से पे किया जायेगा, जिससे पहाड़ जाने वाले डॉक्टर्स को प्रोत्साहन मिलेगा.

प्रदेश के सभी ब्लाकों में स्थापित होंगे ब्लॉक पब्लिक हैल्थ यूनिट: इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज व प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के कार्य में तेजी लाए जाने को लेकर मंगलवार को सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गई. बैठक में इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज व प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के कार्यों मे तेजी लाने और जल्द पूर्ण करने को लेकर संबंधित विभागों, अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक ली गई.

बैठक में ईसीआरपी के तहत निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक की समीक्षा की गई. जिसमें 07 प्रस्तावों में से 05 के आंगणन पर विभागीय कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं शेष 02 जनपदों की डीपीआर ना आने पर प्रभारी सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त कर कार्यदायी संस्था को जल्द ही शासन को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिए गए. समीक्षा बैठक में राज्य में ईसीआरपी के अन्तर्गत चिन्हित अस्पतालों में आईसीयू बेड जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गये.

इस बैठक में राज्य के 45 अस्पतालों में से 37 में मेडिकल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन व 08 में शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी ब्लाकों में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में लैब एवं हेल्थ मॉनिटरिंग की यूनिट स्थापित की जाएगी. प्रधानमंत्री अटल आयुषमान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन 2020-26 तक चलाई जाएगी, जिसके अंतर्गत अनुमोदित सीसीबी ब्लॉक की डीपीआर भी शासन को अनुमोदित कर दी गई है.

Last Updated : Nov 15, 2022, 9:07 PM IST
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