ETV Bharat / state

केंद्र में सूबे का बढ़ता वर्चस्व, PM मोदी को क्यों रास आ रही देवभूमि, जानिए - देहरादून न्यूज

मोदी सरकार के गठन के दौरान प्रदेश को तवज्जों मिलना इस बात के सीधे संकेत हैं. एक ओर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र सरकार में एमएचआरडी जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. कैबिनेट में उत्तराखंड के नेता को मंत्रालय देना प्रदेश की राजनीतिक धारा को परिवर्तित करेगा.

केंद्र में सूबे का बढ़ता वर्चस्व.
author img

By

Published : Jun 2, 2019, 2:27 PM IST

Updated : Jun 2, 2019, 2:58 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राजनीतिक रूप से दिल्ली के और भी नजदीक आ गया है. मोदी सरकार के कैबिनेट में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को जगह मिलना इस बात की तस्दीक है. राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब किसी केंद्र सरकार ने प्रदेश के किसी नेता को प्रमुख पद देकर सूबे का मान बढ़ाया हो. राष्ट्रीय राजनीति में उत्तराखंड की बढ़ती सक्रियता पर देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट.

केंद्र में सूबे का बढ़ता वर्चस्व.

उत्तराखंड में ऐसे कई नेता हुए हैं, जिन्होंने न केवल राज्य बल्कि देश की सत्ता में भी अहम योगदान दिया है. गोविंद बल्लभ पंत और एनडी तिवारी जैसे नेताओं ने तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद समेत केंद्र में नीति-नियंता के रूप में भी काम किया. वहीं, उत्तराखंड बनने के बाद केंद्र की सत्ता पर राज्य की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होने लगी.

ये भी पढ़ें: साक्षी महाराज ने दिया विवादित बयान, ममता बनर्जी की राक्षस से की तुलना

मोदी सरकार के गठन के दौरान प्रदेश को तवज्जों मिलना इस बात के सीधे संकेत हैं. एक ओर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र सरकार में एमएचआरडी जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. वहीं, भाजपा संगठन में अनिल बलूनी अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं. सरकार और संगठन दोनों ही जगह प्रदेश में एक मजबूत स्थिति में प्रतिनिधित्व कर रहा है.

उत्तराखंड से पीएम मोदी का खास लगाव होने की एक बड़ी वजह

  • साल 2014 के बाद 2019 में एक बार फिर प्रदेश की जनता ने भाजपा पर पूरी तरह से भरोसा जताया और भारी मतों से सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की.
  • राज्य के राजनेताओं के अनुभव और कुशलता पर पीएम मोदी का भरोसा होना.
  • 2014 के दौरान डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की लोकसभा में परफॉर्मेंस भी एक बड़ी वजह बनी.

जानकारों के अनुसार, भौगोलिक लिहाज से दिल्ली-उत्तराखंड की कम दूरी का भी फायदा, प्रदेश के राजनेताओं को मिलता रहा है. साथ ही धार्मिक महत्व वाले प्रदेश पर राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं की आस्था होने के कारण भी राज्य को काफी फायदा मिला है.

वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष डिमरी के अनुसार, उत्तराखंड के कई बड़े नेता केंद्र में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. यह उत्तराखंड के लिए पहला मौका है, जब प्रदेश के किसी सांसद को सरकार गठन के साथ ही कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली हो.

देहरादून: उत्तराखंड राजनीतिक रूप से दिल्ली के और भी नजदीक आ गया है. मोदी सरकार के कैबिनेट में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को जगह मिलना इस बात की तस्दीक है. राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब किसी केंद्र सरकार ने प्रदेश के किसी नेता को प्रमुख पद देकर सूबे का मान बढ़ाया हो. राष्ट्रीय राजनीति में उत्तराखंड की बढ़ती सक्रियता पर देखिए ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट.

केंद्र में सूबे का बढ़ता वर्चस्व.

उत्तराखंड में ऐसे कई नेता हुए हैं, जिन्होंने न केवल राज्य बल्कि देश की सत्ता में भी अहम योगदान दिया है. गोविंद बल्लभ पंत और एनडी तिवारी जैसे नेताओं ने तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद समेत केंद्र में नीति-नियंता के रूप में भी काम किया. वहीं, उत्तराखंड बनने के बाद केंद्र की सत्ता पर राज्य की पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होने लगी.

ये भी पढ़ें: साक्षी महाराज ने दिया विवादित बयान, ममता बनर्जी की राक्षस से की तुलना

मोदी सरकार के गठन के दौरान प्रदेश को तवज्जों मिलना इस बात के सीधे संकेत हैं. एक ओर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र सरकार में एमएचआरडी जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. वहीं, भाजपा संगठन में अनिल बलूनी अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं. सरकार और संगठन दोनों ही जगह प्रदेश में एक मजबूत स्थिति में प्रतिनिधित्व कर रहा है.

उत्तराखंड से पीएम मोदी का खास लगाव होने की एक बड़ी वजह

  • साल 2014 के बाद 2019 में एक बार फिर प्रदेश की जनता ने भाजपा पर पूरी तरह से भरोसा जताया और भारी मतों से सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की.
  • राज्य के राजनेताओं के अनुभव और कुशलता पर पीएम मोदी का भरोसा होना.
  • 2014 के दौरान डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की लोकसभा में परफॉर्मेंस भी एक बड़ी वजह बनी.

जानकारों के अनुसार, भौगोलिक लिहाज से दिल्ली-उत्तराखंड की कम दूरी का भी फायदा, प्रदेश के राजनेताओं को मिलता रहा है. साथ ही धार्मिक महत्व वाले प्रदेश पर राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं की आस्था होने के कारण भी राज्य को काफी फायदा मिला है.

वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष डिमरी के अनुसार, उत्तराखंड के कई बड़े नेता केंद्र में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. यह उत्तराखंड के लिए पहला मौका है, जब प्रदेश के किसी सांसद को सरकार गठन के साथ ही कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिली हो.

Intro:उत्तराखंड राजनीतिक रूप से दिल्ली के और भी नजदीक आ गया है.. सरकार गठन के साथ ही मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड को जगह मिलना इस बात के सीधे संकेत है। राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब किसी केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को इस कदर तवज्जो देकर सूबे के कद बढ़ाया है। देखिये राष्ट्रीय राजनीति में उत्तराखंड की बढ़ती स्वीकार्यता पर ये स्पेशल रिपोर्ट....


Body:उत्तराखंड में ऐसे कई नेता हुए हैं जिन्होंने न केवल राज्य बल्कि देश की सत्ता में भी अहम पदों पर जिम्मेदारियां संभाली है। गोविंद बल्लभ पंत और एनडी तिवारी जैसे नेताओं ने तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद समेत केंद्र में नीति नियंता के रूप में काम किया लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद केंद्र की सत्ता पर राज्य की पकड़ कमजोर दिखाई दी। ये वो मौका है जब फिर उत्तराखंड की राष्ट्रीय राजनीति में पकड़ मजबूत हुई है और उत्तराखंड को केंद्र में तवज्जो दी गयी है। मोदी सरकार के गठन के दौरान उत्तराखंड को तवज्जो मिलना इस बात के सीधे संकेत है...एक ओर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र सरकार में एचआरडी जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी दी गयी है तो भाजपा संगठन में अनिल बलूनी अपनी मजबूत पकड़ बनाये हुए हैं। यानी सरकार और संगठन दोनों ही जगह उत्तराखंड एक मजबूत स्थिति में प्रतिनिधित्व कर रहा है। भाजपा संगठन और खुद प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराखंड को तवज्जो देने की कई वजह मानी जा रही है।

उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का खास लगाव एक बड़ी वजह

उत्तराखंड वासियों द्वारा 2014 के बाद 2019 में फिर भाजपा पर पूरी तरह से भरोसा कर पांचों सीटें जिताना दूसरी बड़ी वजह

राज्य के राजनेताओं के अनुभव और कुशलता पर पीएम मोदी का भरोसा होना

2014 के दौरान डॉ निशंक की लोकसभा में परफॉर्मेंस भी बनी एक बड़ी वजह

बाइट सुभाष बड़थ्वाल प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

जानकार बताते हैं कि भौगोलिक लिहाज से दिल्ली-उत्तराखंड की कम दूरी का भी फायदा केंद्र में उत्तराखंड के राजनेताओं को मिलता रहा है...साथ ही धार्मिक महत्व वाले उत्तराखंड पर राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं की आस्था से भी राज्य की तवज्जो बढ़ी है। वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष डिमरी की माने तो उत्तराखंड के कई बड़े नेता केंद्र में अहम जिम्मेदारी पर रहे हैं लेकिन यह उत्तराखंड के लिए पहला मौका है जब सरकार गठन में ही पहली बार किसी सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी उत्तराखंड के सांसद को मिली है इसमें भी खास बात यह है कि मोदी सरकार में मानव संसाधन जैसे सबसे अहम विभाग को डॉ निशंक को दिया गया।

बाइट आशुतोष डिमरी वरिष्ठ पत्रकार


Conclusion:उत्तराखंड एक छोटा राज्य है और यहां महज 5 लोकसभा सीटें हैं लेकिन क्षेत्रफल के लिहाज से राज्य के महत्व को नहीं आंका जा सकता। इस बात को राजनीतिक धुरंधर भी मानते हैं और इसीलिए उत्तराखंड की स्वीकार्यता राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती हुई दिखाई दी है।
Last Updated : Jun 2, 2019, 2:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.