खटीमा/मसूरी: 13 फरवरी से उत्तराखंड के सभी वन प्रभाग में वन बीट अधिकारी/वन आरक्षी संघ कार्य बहिष्कार कर रहा है. पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आरक्षी संघ ने हल्ला बोला है. पूरे उत्तराखंड के करीब 2800 वन बीट अधिकारी और आरक्षी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसको लेकर उत्तराखंड वन मंत्रालय द्वारा प्रदेश में होने वाली वनाग्नि की रोकथाम चुनौती बन गई है.
सोमवार को मसूरी वन प्रभाग में मसूरी वन विभाग के बीट अधिकारियों व वन आरक्षियों ने उत्तराखंड वन बीट अधिकारी व वन आरक्षी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सचिन ओर महामंत्री अनिल के नेतृत्व में विभाग और शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर उत्तराखंड वन बीट अधिकारी व वन आरक्षी संघ ने डीएफओ मसूरी अमित कंवर को कर्मचारियों की मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा.
उत्तराखंड वन बीट अधिकारी व वन आरक्षी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सचिन और महामंत्री अनिल ने बताया-
पिछले 7 सालों से संध अपनी प्रमुख मांगें को लेकर शासन स्तर पर वार्ता की जा रही है. जिसमें मुख्य मांग उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को पुनः लागू किया जाए. 10 वर्षों तक संतोषजनक सेवा देने वाले अधिकारियों की पदोन्नति की जाए. वन आरक्षियों की वर्दी नियमों में संशोधन (एक स्टार) किया जाये. एक माह का अतिरिक्त वेतन एवं आहार भत्ता दिया जाये. समस्त वन आरक्षियों को वाहन भत्ता बढ़ोतरी की जाये.
उन्होंने कहा 2016 से पहले नियमावली के अनुसार वन दरोगा को पदोन्नति दी जाती थी जिसे प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने परिवर्तन किया जिसके कारण बन वीट अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं. पूर्व में शत-प्रतिशत प्रमोशन हो जाता था लेकिन अब 12 साल होने के बावजूद भी उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है.सरकार वन विभाग के वन बीट अधिकारियों की मांगों का संज्ञान ले.
खटीमा के उप प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में लगभग आठ वन रेंजों के वन आरक्षियों ने अपनी मांगो को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इस अवसर पर तराई पूर्वी वन प्रभाग व हल्द्वानी डिविजन के वन बीट अधिकारी/वन आरक्षी धरना प्रदर्शन में शामिल रहे. इस अवसर पर वन बीट अधिकारी / वन आरक्षियों ने अपनी मांगो को लेकर उप प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय मे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया.