देहरादून: वन अनुसंधान संस्थान देहरादून (Forest Research Institute Dehradun) में विश्व प्रौद्योगिकी दिवस (world technology day) पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन (special exhibition organized) किया गया. प्रदर्शनी का उद्घाटन एफआईआर की निदेशक रेनू सिंह ने किया. प्रदर्शनी में पिरूल फाइबर सहित खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया. वहीं, किट विज्ञान शाखा की ओर से बांस की उपचार विधि, बांस बेधक, बांस धुन और उनके नियंत्रण विधि की जानकारी दी गई.
प्रदर्शनी में बताया गया कि किस प्रकार से यह शोध आमजन के जीवन, राष्ट्र कल्याण और उनकी आर्थिकी को सुधारने में कार्य करता है. एफआरआई के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर जो भी शोध किए जाते हैं, उनसे हमेशा से यही ध्येय रहता है कि यह आमजन के साथ वानिकी तंत्र का प्रयोग (use of forestry) कर आर्थिकी को मजबूत कर सकें.
ये भी पढ़ें: नैनीताल HC ने सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटान पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब
एफआईआर निदेशक रेनू सिंह ने कहा जिस प्रकार से संस्थान के विभिन्न प्रभाग अपने शोध कार्य कर रहे हैं, उससे आम जन के साथ ही विभिन्न समूहों को भी फायदा मिलेगा. जिस प्रकार से अगरबत्ती और धूप बनाने की प्रक्रिया विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों से संस्थान बना रहा है. वह ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के रोजगार में सफल सहयोगी साबित होगी.
प्रदर्शनी में विस्तार प्रभाग की ओर से पापुल्स डेल्टॉइड और मेलिया दुबिया आधारित वानिकी मॉडल और भीमल फाइबर निष्कर्षण प्रौद्योगिकी प्रदर्शित की गई. वन संरक्षण प्रभाग ने पोस्टर के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया. साथ ही विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में उगने वाली विभिन्न वन वृक्ष प्रजातियों के लिए विकसित जैव उर्वरक की जानकारी भी दी. साथ ही काष्ठ कला के माध्यम से विभिन्न लकड़ियों की पहचान की जानकारी भी दी गई.