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विधानसभा बैक डोर भर्ती: एक महीने में जांच रिपोर्ट देगी एक्सपर्ट कमेटी, सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस सील, CM ने किया स्वागत

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया. उन्होंने साल 2012 के लेकर अभीतक उत्तराखंड विधानसभा में जितनी भी नियुक्तियां हुई (Uttarakhand assembly backdoor recruitment case) हैं, उनकी जांच के लिए विशेष समिति का गठन किया है. इस जांच के बाद राज्य बनने के बाद से सभी भर्तियों की जांच भी की जाएगी. तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष दिलीप कुमार कोठिया होंगे. सुरेंद्र सिंह रावत और अविनेंद्र सिंह नयाल इसके सदस्य होंगे. इसके साथ ही विधानसभा सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है और उनका दफ्तर भी सील कर दिया गया है.

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Published : Sep 3, 2022, 3:45 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 7:24 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती (Uttarakhand assembly backdoor recruitment case) मामले को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने दो बड़े फैसले लिए हैं. विधानसभा भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने एक्सपर्ट कमेटी गठित की (special inquiry committe) है. कमेटी एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट स्पीकर के समक्ष पेश करेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. इसके साथ ही विधानसभा सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है. सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की मौजूदगी में सील कर दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने विशेष जांच समिति गठित करने के फैसले का स्वागत किया है. सीएम ने कहा है कि, उनको विश्वास है कि ये जांच समिति हर तथ्य को स्पष्ट करेगी. सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए दृढ़ है.

इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा निर्णय लेते हुए जांच के दौरान वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है. इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

बैक डोर भर्ती की होगी जांच

बता दें कि, ये जांच दो चरणों में की जाएगी. साल 2000 से 2011 तक और 2012 से 2022 तक दोनों ही कार्यकालों में हुई भर्तियों की जांच की जाएगी. पहले साल 2012 से अब तक विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच होगी. इसके बाद राज्य गठन के बाद से होने वाली भर्तियों की जांच होगी.

  1. ऋतु खंडूड़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें: बैक डोर भर्ती की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठन का फैसला लिया.
  2. एक महीने में जांच रिपोर्ट देने का निर्णय.
  3. सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेजने के निर्देश
  4. युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का दिलाया भरोसा
  5. नियुक्तियों को लेकर पहले 2012 से अब तक की होगी जांच
  6. इसके बाद राज्य स्थापना के बाद वाली दूसरी नियुक्तियों की भी होगी जांच

पढे़ं- विधानसभा बैकडोर भर्ती पर BJP हाईकमान सख्त, प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली तलब!

विधानसभा सचिवालय में हुई बैक डोर नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष आज ही विदेश दौरे के बाद सीधे देहरादून पहुंची और प्रेस वार्ता को संबोधित किया. खंडूरी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की गरिमा को बचाये रखने उनका कर्तव्य है.

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती (Uttarakhand assembly backdoor recruitment case) मामले को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने दो बड़े फैसले लिए हैं. विधानसभा भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने एक्सपर्ट कमेटी गठित की (special inquiry committe) है. कमेटी एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट स्पीकर के समक्ष पेश करेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. इसके साथ ही विधानसभा सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया गया है. सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की मौजूदगी में सील कर दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने विशेष जांच समिति गठित करने के फैसले का स्वागत किया है. सीएम ने कहा है कि, उनको विश्वास है कि ये जांच समिति हर तथ्य को स्पष्ट करेगी. सरकार राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए दृढ़ है.

इस एक्सपोर्ट कमेटी में दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने बड़ा निर्णय लेते हुए जांच के दौरान वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है. इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.

बैक डोर भर्ती की होगी जांच

बता दें कि, ये जांच दो चरणों में की जाएगी. साल 2000 से 2011 तक और 2012 से 2022 तक दोनों ही कार्यकालों में हुई भर्तियों की जांच की जाएगी. पहले साल 2012 से अब तक विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच होगी. इसके बाद राज्य गठन के बाद से होने वाली भर्तियों की जांच होगी.

  1. ऋतु खंडूड़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें: बैक डोर भर्ती की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठन का फैसला लिया.
  2. एक महीने में जांच रिपोर्ट देने का निर्णय.
  3. सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेजने के निर्देश
  4. युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का दिलाया भरोसा
  5. नियुक्तियों को लेकर पहले 2012 से अब तक की होगी जांच
  6. इसके बाद राज्य स्थापना के बाद वाली दूसरी नियुक्तियों की भी होगी जांच

पढे़ं- विधानसभा बैकडोर भर्ती पर BJP हाईकमान सख्त, प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली तलब!

विधानसभा सचिवालय में हुई बैक डोर नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष आज ही विदेश दौरे के बाद सीधे देहरादून पहुंची और प्रेस वार्ता को संबोधित किया. खंडूरी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा की गरिमा को बचाये रखने उनका कर्तव्य है.

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: बता दें कि, विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है. मामला इतना ही नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई. उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला. इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है.

Last Updated : Sep 3, 2022, 7:24 PM IST
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