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CM को SC से राहत पर बोले विधानसभा अध्यक्ष, निष्पक्ष जांच की उम्मीद

भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. अब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है.

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विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल
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Published : Oct 30, 2020, 6:53 AM IST

ऋषिकेश: भ्रष्टाचार के मामले में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. अब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है.

अब निष्पक्ष जांच की उम्मीद- विधानसभा अध्यक्ष.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मामले में अपनी राय रखी है. उनका कहना है कि मामले में सुप्रीम कोर्ट से सीएम को स्टे मिला है, लेकिन राज्य में जीरो टोलरेंस की सरकार है. उम्मीद है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी.

उधर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि यह राजनीति का एक हिस्सा है. राजनीति में आने वाले व्यक्ति के साथ इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं. बता दें, कृषि मंत्री ने यह बात ऋषिकेश में आयोजित एक रक्तदान शिविर में कही है.

पढ़ें- प्रीतम सिंह समेत कई कांग्रेसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, कोविड-19 गाइडलाइन का किया उल्लंघन

क्या है मामला ?

देहरादून निवासी प्रो. हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2016 को देहरादून थाने में पत्रकार उमेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, बदनाम करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें कहा गया था कि उमेश शर्मा के द्वारा उनके खिलाफ सोशल मीडिया में खबर चलाई गई थी कि हरेंद्र और उनकी पत्नी सविता के द्वारा नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान के खाते में पैसे जमा करवाए गए और यह पैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने की बात कही गई थी.

ऋषिकेश: भ्रष्टाचार के मामले में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. अब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है.

अब निष्पक्ष जांच की उम्मीद- विधानसभा अध्यक्ष.

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मामले में अपनी राय रखी है. उनका कहना है कि मामले में सुप्रीम कोर्ट से सीएम को स्टे मिला है, लेकिन राज्य में जीरो टोलरेंस की सरकार है. उम्मीद है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी.

उधर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि यह राजनीति का एक हिस्सा है. राजनीति में आने वाले व्यक्ति के साथ इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं. बता दें, कृषि मंत्री ने यह बात ऋषिकेश में आयोजित एक रक्तदान शिविर में कही है.

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क्या है मामला ?

देहरादून निवासी प्रो. हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2016 को देहरादून थाने में पत्रकार उमेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, बदनाम करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें कहा गया था कि उमेश शर्मा के द्वारा उनके खिलाफ सोशल मीडिया में खबर चलाई गई थी कि हरेंद्र और उनकी पत्नी सविता के द्वारा नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान के खाते में पैसे जमा करवाए गए और यह पैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने की बात कही गई थी.

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