देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही अंगदान एवं प्रत्यारोपण (Organ donation and transplant) के लिये स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTTO) की स्थापना की जाएगी. जोकि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में संचालित किया जाएगा. सोट्टो की स्थापना के लिये भारत सरकार ने भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड मेडिकल एजूकेशन एवं पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ (पीजीआईएमईआर) के बीच एकेडमिक एवं शोध कार्यों को एक साथ मिलकर करने पर सहमति बनी. जिसके लिए जल्द ही दोनों पक्षों के मध्य एमओयू किए जाएंगे.
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की पहल पर प्रदेश के लिए शोध और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल, राज्य में अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण के लिये शीघ्र ही उत्तराखंड में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है. सोट्टो के पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट अर्गनाईजेशन (नोटो) में विधिवत आवेदन किया जाएगा और केंद्र सरकार से बजट मिलते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा. कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत (Cabinet Minister Dhansingh Rawat) ने बताया कि उत्तराखंड में सोट्टो की स्थापना को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ के अधिकारियों एवं चिकित्साकों के साथ विस्तृत चर्चा की गई.
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उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के रिजिनल ऑर्गन एंड टिश्यू टॉसप्लांट ऑर्गनाईजेशन (रोटो) के अधिकारियों से भी उत्तराखंड में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना में सहयोग करने की बात रखी, जिस पर पीजीआई चंडीगढ़ के निदेशक एवं नोडल अधिकारी रोटो ने हर सम्भव मदद का भरोसा दिया. धनसिंह रावत ने बताया कि रोटो की स्थापना होने से प्रदेश के लोगों को अंग प्रत्यारोपण के लिये अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पडेगा. उन्होंने बताया कि सोट्टो के माध्यम से अंग दाताओं की पहचान, पंजीकरण के साथ ही अंगदान के लिये जागरूकता अभियान संचालित किया जाएगा.
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जिससे राज्य में किडनी, लीवर, हार्ट, हाई वाल्व, आंखें, फेफड़े, अग्नाशय जैसे सिंगल व मल्टी आर्गन्स का प्रत्यारोपण आसानी से किया जा सकेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड मेडिकल एजूकेशन एवं पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ (पीजीआईएमईआर) के बीच एकेडमिक एवं शोध कार्यों को एक साथ मिलकर करने पर सहमति बनी. जिसके लिए जल्द ही दोनों पक्षों के मध्य एमओयू किये जाएंगे.