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21 सितंबर से उत्तराखंड में खुलेंगे प्राथमिक स्कूल, SOP जारी

21 सितंबर से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय खुलने जा रहे हैं. इसके लिए SOP जारी कर दी गई है.

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21 सितंबर से प्रदेश में खुलेंगे प्राथमिक स्कूल
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Published : Sep 18, 2021, 7:10 PM IST

देहरादून: लगभग डेढ़ साल से ज्यादा के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 21 सितंबर से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय भी छात्रों के लिए खुलने जा रहे हैं. ऐसे में शासन की ओर से प्राथमिक विद्यालयों को खोले जाने को लेकर एसओपी(standard operating procedure) जारी कर दी गई है. जिसके तहत स्कूल स्टाफ के साथ ही छात्रों के लिए भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य किया गया है.

एसओपी में यह साफ किया गया है कि सभी छात्र-छात्राएं अभिभावकों की अनुमति के बाद ही स्कूल आना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही विद्यालय खोले जाने से पूर्व सभी कक्षाओं, पुस्तकालय, शौचालय, किचन और स्टोर इत्यादि को पूर्ण रूप से सैनिटाइज करना होगा. इसके अलावा विद्यालय में सैनिटाइजर, हैंड वॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. वहीं, स्कूल में सभी छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्कूल स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

पढ़ें- हरदा के बिना शुरू हुई कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा, बहुमत के साथ सरकार बनाने का किया दावा

साथ ही एसओपी में साफ किया गया है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अग्रिम आदेशों तक विद्यालयों में प्रार्थना सभा, बालसभा, खेल संगीत तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही अग्रिम आदेशों तक विद्यालयों में बच्चों को पका पकाया मिड डे मील भी फिलहाल नहीं परोसा जाएगा.

पढ़ें- धामी सरकार में दायित्व पाने का इंतजार कर रहे कार्यकर्ता, क्या अधूरी रहेगी इच्छा?

वहीं, प्रत्येक स्कूल को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करना होगा जो सोशल डिस्टेंसिंग, समेत कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए उत्तरदाई होगा. यदि विद्यालय के छात्रों अध्यापक या फिर अन्य स्टाफ में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रभाव से सूचित किया जाना चाहिए. ये जिम्मेदारी भी नोडल अधिकारी के साथ ही संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक की होगी.

देहरादून: लगभग डेढ़ साल से ज्यादा के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 21 सितंबर से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय भी छात्रों के लिए खुलने जा रहे हैं. ऐसे में शासन की ओर से प्राथमिक विद्यालयों को खोले जाने को लेकर एसओपी(standard operating procedure) जारी कर दी गई है. जिसके तहत स्कूल स्टाफ के साथ ही छात्रों के लिए भी कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य किया गया है.

एसओपी में यह साफ किया गया है कि सभी छात्र-छात्राएं अभिभावकों की अनुमति के बाद ही स्कूल आना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही विद्यालय खोले जाने से पूर्व सभी कक्षाओं, पुस्तकालय, शौचालय, किचन और स्टोर इत्यादि को पूर्ण रूप से सैनिटाइज करना होगा. इसके अलावा विद्यालय में सैनिटाइजर, हैंड वॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. वहीं, स्कूल में सभी छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्कूल स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.

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साथ ही एसओपी में साफ किया गया है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अग्रिम आदेशों तक विद्यालयों में प्रार्थना सभा, बालसभा, खेल संगीत तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही अग्रिम आदेशों तक विद्यालयों में बच्चों को पका पकाया मिड डे मील भी फिलहाल नहीं परोसा जाएगा.

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वहीं, प्रत्येक स्कूल को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करना होगा जो सोशल डिस्टेंसिंग, समेत कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए उत्तरदाई होगा. यदि विद्यालय के छात्रों अध्यापक या फिर अन्य स्टाफ में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रभाव से सूचित किया जाना चाहिए. ये जिम्मेदारी भी नोडल अधिकारी के साथ ही संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक की होगी.

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